SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 80

रूस-यूक्रेन संघर्ष: तेल के बढ़ते दाम और रुपये की गिरावट के बीच सरकार के पास क्या उपाय हैं?

-द वायर, नरेंद्र मोदी सरकार की एक आलोचना यह कहकर की जाती है कि इसके पास राज्य चुनावों के बीच शासन करने का बिल्कुल समय नहीं होता है. पिछले कुछ दिनों में जब रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल की वैश्विक कीमतें 120 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई और रुपया कमजोर होकर 77 रुपये प्रति डॉलर तक गिर गया, उस समय सरकार के आधा दर्जन मंत्री दिल्ली की जगह वाराणसी...

More »

रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते उर्वरकों की कीमतों में भारी इजाफा, आयात के नये स्रोत तलाशने की कोशिश तेज

-रूरल वॉइस, रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी), डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और यूरिया समेत तमाम उर्वरकों और इनके कच्चे माल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो रही है। एशियाई देशों के लिए एमओपी की अप्रैल लोडिंग कीमत 670 से 700 डॉलर प्रति टन जबकि अमेरिका में कीमतें 677 से 685 डॉलर प्रति टन के स्तर पर पहुंच गई हैं। उर्वरकों के मामले में, और खासतौर से...

More »

किसानों से बाजरा खरीदने के महीने भर बाद ‘खराब’ बता वापस कर रही मध्य प्रदेश सरकार

- न्यूजलॉन्ड्री, मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में विजयपुर ब्लॉक के आरौदा गांव निवासी 52 वर्षीय लक्ष्मीनारायण शर्मा 15 बीघा के किसान हैं. उन्होंने 21-22 दिसंबर 2021 को सरकार को 19 क्विंटल बाजरा बेचा था. यह खरीद सरकारी दर यानी 2,250 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर हुई थी. शर्मा इंतजार कर रहे थे कि हमेशा की तरह ही सरकार, उनकी फसल की कीमत खरीद के चार से पांच दिन बाद...

More »

Covid के गहराते संकट के बीच ऊंची महंगाई दर क्यों भारत की अगली बड़ी चिंता हो सकती है

-द प्रिंट, दुनियाभर की सरकारों ने महामारी से निपटने के लिए अपने वित्तीय ख़र्च को बढ़ाया है. साथ ही साथ केंद्रीय बैंकों ने, नक़दी में भी इज़ाफा किया है. अमेरिका में ये डर ज़ाहिर किया जा रहा है कि विस्तारक वित्तीय तथा मौद्रिक नीतियों से, ओवरहीटिंग की स्थिति पैदा हो सकती है. इसकी वजह से अमेरिका में महंगाई दर तेज़ी से बढ़ सकती है, क्योंकि वैक्सीन्स की सहायता से अर्थव्यवस्था के...

More »

बिहार चुनाव में ये फूल काँटे की तरह क्यों चुभ रहे हैं?

-बीबीसी, "फूल की कोई क़ीमत नहीं है. क़ीमत लगी तो 500 रुपए में भी 20 लड़ी (एक लड़ी में 52 फूल) बिका, और नहीं हुआ तो पटना ही बिगा(फेंका) गया. एक रुपया भी नहीं मिला. फूल देखने में बहुत सुंदर लगता है, लेकिन हमारे लिए तो खेत में खड़ा हुआ फूल किसी काँटे से कम नहीं." कड़ी धूप में अपने फूल के खेत में काम करते हुए रूपा देवी ज़रा खीझ...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close