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न्यूज क्लिपिंग्स् | जीएसटी पर मोदी सरकार का यू-टर्न, राज्यों से टकराव क्या हो गया ख़त्म?

जीएसटी पर मोदी सरकार का यू-टर्न, राज्यों से टकराव क्या हो गया ख़त्म?

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published Published on Oct 16, 2020   modified Modified on Oct 17, 2020

-बीबीसी,

भारत में कोरोना लॉकडाउन के दौरान गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी से राज्यों को मिलने वाले राजस्व में भारी कमी आई थी. पिछले कई महीनों से इसकी भरपाई के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तकरार चल रही है.

विवाद का विषय ये था कि राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए क़र्ज़ कौन लेगा? केंद्र सरकार या फिर राज्य सरकार?

13 अक्तूबर को केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य सरकारें ये क़र्ज़ लें. जिसके बाद केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही. उन्होंने ये भी कहा कि उनके साथ नौ और राज्य भी शामिल होंगे.

बस फिर क्या था. 15 अक्तूबर आते-आते केंद्र सरकार को अपना रुख़ नरम करना पड़ा.

केंद्र सरकार ने गुरुवार को यू-टर्न लेते हुए कहा कि राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये का क़र्ज़ अब केंद्र सरकार लेगी और राज्य सरकारों को लोन के रूप में देगी.

केंद्र सरकार के इस नए यू-टर्न वाले फ़ैसले से दो सवाल उठते हैं. पहला ये कि दो दिन में ऐसा क्या हुआ, जो केंद्र ने अपना फ़ैसला बदल लिया? दूसरा ये कि इससे भारत के ख़ज़ाने पर क्या असर पड़ेगा?

इस रिपोर्ट में आपको दोनों सवालों के जवाब मिलेंगे. लेकिन पहले जान लीजिए, पूरा विवाद क्या है.

मोदी सरकार क्या अपने बनाए क़ानून के आगे ही मजबूर हो गई है?
जीडीपी पर IMF के ताज़ा अनुमान से भारतीयों को क्यों चिंतित होना चाहिए?

जीएसटी पर विवाद क्यों?
जीएसटी क़ानून के तहत राज्यों को जीएसटी लागू करने के बाद पाँच साल तक राजस्व में होने वाले नुक़सान की भरपाई के लिए वित्तीय मदद देने का प्रावधान है.

केंद्र और राज्य सरकारें चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व में होने वाले क़रीब 2.35 लाख करोड़ रुपये के नुक़सान की भरपाई को लेकर एक दूसरे के आमने सामने हैं.

केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक के मुताबिक़ केंद्र सरकार चाहती है कि 2.35 लाख करोड़ रुपये में से 1.1 लाख करोड़ रुपये राज्य सरकारें बाज़ार से उधार ले लें.

केंद्र सरकार के हिसाब से जीएसटी नुक़सान के जो आँकड़े पेश किए जा रहे हैं, उनमें से एक बड़ा हिस्सा कोविड 19 की वजह से पूरा नहीं हो पाया है.

केंद्र सरकार ने जीएसटी राजस्व की भरपाई के लिए राज्यों के सामने पिछले महीने दो विकल्प रखे थे. एक विकल्प यह दिया था कि राज्य भरपाई की कुछ रक़म रिजर्व बैंक की स्पेशल विंडो फ़ैसिलिटी से उधार लेकर पूरा कर लें और दूसरा विकल्प ये था कि राज्य रक़म बाज़ार से जुटा लें.

लेकिन इस प्रस्ताव के लिए 10 राज्यों ने असहमति जताई, जिनमें ज़्यादातर पश्चिम बंगाल और केरल जैसे ग़ैर बीजेपी शासित राज्य थे.

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


सरोज सिंह, https://www.bbc.com/hindi/india-54566798


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