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ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023: 125 देशों में 111वें स्थान पर भारत, कुपोषण की बेहद गंभीर है स्थिति

डाउन टू अर्थ, 17 अक्टूबर इस साल का ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 जारी कर दिया गया है, जिसमें 125 देशों की सूची में भारत को 111वें पायदान पर रखा गया है, जो देश में बढ़ती भुखमरी और कुपोषण की गंभीर स्थिति को दर्शाता है। इस मामले में देश की स्थिति कितनी खराब है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत अपने पडोसी देशों जैसे बांग्लादेश (81) , पाकिस्तान (102)...

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WPI और CPI सहित महँगाई से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में जानिए विस्तार से

संबंधित प्राधिकरण जब भी महँगाई से जुड़े आँकड़े जारी करता है, समाचार माध्यमों की सुर्खियाँ इन्हीं आँकड़ों से लद जाती है। हाल ही में आर्थिक सलाहकार के ऑफिस ने थोक मूल्य सूचकांक के आँकड़े जारी किए थे; जिसमें मई (2023) महीने में महँगाई को नकारात्मक दर से बढ़ते हुए दर्शाया है। ये नकारात्मक (माइनस) आँकड़ों में महँगाई किस तरह से आती है? महँगाई का आकलन कैसे किया जाता है? महँगाई...

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भारत के नागरिकों की खाद्य सुरक्षा- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और एक देश एक राशन कार्ड योजना- की पड़ताल!

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 44,762 करोड़ रूपए की अतिरिक्त धनराशी के साथ तीन माह के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह योजना 1 अक्टूबर, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022 तक की अवधि तक यथावत रहेगी. यह योजना का सातवा चरण है. सातवें चरण तक योजना का कुल खर्च 3.45 लाख करोड़ रूपए से बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रूपए हो जाएगा. कोविड महामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की...

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मुफ्त अनाज स्कीम से कैसे गुजरात-हिमाचल प्रदेश के चुनावों में फ़ायदा उठा सकती है भाजपा

दिप्रिंट, 07 अक्टूबर केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) से चुनावी राज्य गुजरात में आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से को फायदा पहुंचने की उम्मीद है. सरकारी आंकड़ों से यह बात सामने आई है. इस योजना को पिछले सप्ताह अगले तीन महीने यानी दिसंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. सरकारी आंकड़ों के दो सेटों का विश्लेषण – 2020 के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और पीएमजीकेएवाई लाभार्थियों...

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गुजरात सरकार का तौकते राहत पैकेज प्रवासी मछुआरों की वास्तविकताओं से परे है

-द वायर, मई के महीने में भारत के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरते तौकते चक्रवात ने गुजरात में तबाही मचा दी थी. राज्य के मत्स्य व्यवसाय को इसके चलते अनुमानतः 160 करोड़ रुपये का भारी नुकसान झेलना पड़ा. हालांकि विशेषज्ञों का अनुमान है कि असल नुकसान इससे कई गुना ज्यादा है. गुजरात सरकार द्वारा मछुआरों के साथ-साथ उनकी नावों एवं उपकरणों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 105 करोड़ रुपये का...

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