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WPI और CPI सहित महँगाई से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में जानिए विस्तार से

संबंधित प्राधिकरण जब भी महँगाई से जुड़े आँकड़े जारी करता है, समाचार माध्यमों की सुर्खियाँ इन्हीं आँकड़ों से लद जाती है। हाल ही में आर्थिक सलाहकार के ऑफिस ने थोक मूल्य सूचकांक के आँकड़े जारी किए थे; जिसमें मई (2023) महीने में महँगाई को नकारात्मक दर से बढ़ते हुए दर्शाया है। ये नकारात्मक (माइनस) आँकड़ों में महँगाई किस तरह से आती है? महँगाई का आकलन कैसे किया जाता है? महँगाई...

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भारत के नागरिकों की खाद्य सुरक्षा- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और एक देश एक राशन कार्ड योजना- की पड़ताल!

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 44,762 करोड़ रूपए की अतिरिक्त धनराशी के साथ तीन माह के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह योजना 1 अक्टूबर, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022 तक की अवधि तक यथावत रहेगी. यह योजना का सातवा चरण है. सातवें चरण तक योजना का कुल खर्च 3.45 लाख करोड़ रूपए से बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रूपए हो जाएगा. कोविड महामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की...

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मुफ्त अनाज स्कीम से कैसे गुजरात-हिमाचल प्रदेश के चुनावों में फ़ायदा उठा सकती है भाजपा

दिप्रिंट, 07 अक्टूबर केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) से चुनावी राज्य गुजरात में आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से को फायदा पहुंचने की उम्मीद है. सरकारी आंकड़ों से यह बात सामने आई है. इस योजना को पिछले सप्ताह अगले तीन महीने यानी दिसंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. सरकारी आंकड़ों के दो सेटों का विश्लेषण – 2020 के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और पीएमजीकेएवाई लाभार्थियों...

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क्या श्रमिकों का फैक्ट्रियों से खेतों में बड़ी संख्या में पलायन ‘विकास’ की गाड़ी का उल्टी दिशा में जाना है

-द वायर, 2018-19 में कुल रोजगार में कृषि की हिस्सेदारी 42.5 फीसदी से 2019-20 में नाटकीय ढंग से बढ़कर 45.6 फीसदी हो गई. कुल रोजगार में कृषि की भागीदारी में यह इजाफा भारतीय अर्थव्यवस्था के एक चिंताजनक पहलू को दिखाता है. यह बढ़ोतरी उद्योग या सेवा क्षेत्र से कृषि में श्रमिकों की एक असामान्य बड़ी गतिशीलता की संकेतक हो सकती है. वास्तविक रोजगार की स्थिति के लिए भिन्न-भिन्न मापकों- काफी सख्त से ज्यादा उदार...

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खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों से गरीब और प्रवासी मजदूरों को बचाने की अनकही चुनौती!

30 मई, 2021 को राष्ट्र के नाम अपने मन की बात संबोधन में, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य की सराहना की कि किसानों को रबी उत्पादन से संबंधित "सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक" प्राप्त हुआ. पीएम के इस बयान से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाणा (और अन्य जगहों) में सरसों उत्पादकों ने बेहतर कीमत पाने के लिए एपीएमसी मंडियों (राज्य...

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