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सशक्तीकरण | यूनियन बजट व अन्य नीतिगत कदम
यूनियन बजट व अन्य नीतिगत कदम

यूनियन बजट व अन्य नीतिगत कदम

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What's Inside

वित्त मंत्रालय का बजट प्रभाग, बजट को तैयार करता है। बजट भाषण (2023-24) के लिए कृपया यहां क्लिक कीजिए। हिंदी में भाषण पढ़ना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें। संसद की पूरी कार्यवाही देखने के लिए यहां क्लिक करें। बजट पर भारत सरकार की वेबसाइट हिंदी में, अंगरेजी में। बीते वर्षों के बजट खंगालने के लिए यहाँ क्लिक करें।

पढ़ें बजट 2023-24 से जुड़ीं सभी ज़रूरी बातें


1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री ने यूनियन बजट 2023–24 को लोकसभा के पटल पर रखा। आय–व्यय के इस लेखे–जोखे (बजट) के साथ कई अन्य तरह के काग़ज़ात भी सभा पटल पर रखे जाते हैं। इस लेख में हर पत्री के संक्षिप्त परिचय और मूल दस्तावेज़ों को संलग्न किया है।

बजट के साथ पेश किए जाने वाले अन्य कागजात

बजट के साथ करीब 1 दर्जन कागज़ात सभा पटल पर रखे जाते हैं। पूरी सूची नीचे दी गई तस्वीर में, इनमें से कुछ दस्तावेज़ों (3) के पीछे संवैधानिक बाध्यता रहती है। पहले संवैधानिक बाध्यता वाले दस्तावेज़ों की बात करते हैं।

विस्तार से जानने के लिए- हिंदी & अंगरेजी

तस्वीर में– बजट के साथ पेश किए जाने वाले कागज़ात।

अनुच्छेद 112 - वार्षिक वित्तीय विवरण

 

जनता के खजाने का दारोमदार सरकार के हाथों में रहता है। खजानों को तीन भागों में बाँटा है- संचित निधि, आकस्मिकता निधि और लोक लेखा निधि

हुकूमत, जनता के कल्याण हेतु इन खजानों से पैसे लेकर खर्च करती है। उसका हिसाब, वार्षिक वित्तीय विवरण के रूप में प्रस्तुत करना होता है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 112 में लिखा है। यानी एक साल के बजट को ही वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement) कहते हैं। बजट में निम्न बिंदुओं को शामिल किया जाता है–

  • राजस्व और पूंजीगत प्राप्तियों का अनुमान
  • राजस्व बढ़ाने के तरीके और साधन
  • व्यय अनुमान
  • आगामी वर्ष में, करों में बदलाव या किसी नई योजना/परियोजना की घोषणा शामिल रहती है।

 

बजट में आय और व्यय का ब्यौरा होता है। आय यानी प्राप्ति. ये दो तरह की होती है, पहली राजस्व प्राप्ति और दूसरी पूंजीगत प्राप्ति। 

राजस्व प्राप्ति से सरकार के ऊपर किसी भी तरह की देयता नहीं चढ़ती है। और ना ही सरकार की संपत्ति में कमी आती है। पूंजीगत प्राप्ति में सरकार के ऊपर देयता बढ़ सकती है, और संपति में भी कमी आ सकती है।

नीचे दी गई तस्वीर को ध्यान से देखें!

तस्वीर-2. प्राप्तियां (Receipts)

तस्वीर, केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए बजट से ली गई है। तस्वीर में तीन वर्षों के आंकड़ों को दर्शाया गया है। हर बजट में तीन वर्षों का ब्यौरा रहता है। इस बार के बजट में 2021–22 के वास्तविक आंकड़े, 2022–23 के अनुमानित व संशोधित आंकड़े और आगमी वर्ष के अनुमानित आंकड़े अंकित है। ऊपर दी गई तस्वीर में दो तरह की प्राप्तियों के आंकड़े दिए गए हैं-राजस्व प्राप्ति और दूसरी पूंजीगत प्राप्ति। सरकार सदन में बताती है कि किस–किस माध्यम से पैसा आने वाला है। इन पैसों को जब जोड़ दिया जाता है तब बजट का आकार हमारे सामने आ जाता है। इस बार (2023–24) का बजट 4503097 करोड़ रुपए का है। जिसमें से 2632281 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्ति के रूप में आएंगे और 1870816 करोड़ रुपए पूंजीगत प्राप्ति के रूप में आएंगे, ऐसा अनुमान लगाया गया है। प्राप्तियां (Receipts) के बारे में विस्तार में जानने के लिए यहाँ और यहाँ क्लिक कीजिए!

 

इसी तरह सरकार व्यय का अनुमान भी लगाती है। व्यय के संदर्भ में भी तीन वर्षों के आंकड़ों को दर्शाया जाता है। नीचे दी गई तस्वीर–3 को देखिए! दो तरह के खर्चे दिए गए हैं। पहला, राजस्व खर्च और दूसरा पूंजीगत खर्च। बजट 2023–24 के अनुमान देखें तो राजस्व खर्च का आंकड़ा 3502136 करोड़ रुपए बनता है और पूंजीगत खर्च 1000961 करोड़ रुपए। जब इन दोनों तरह के खर्चों को जोड़ दिया जाता है तब ये संख्या 4503097 करोड़ रुपए बनती है। यानी कि बजट का अनुमानित आकार और अनुमानित व्यय के आंकड़े बराबर है। स्मरणीय है भारत में घाटे का बजट पेश नहीं होता है, आवक की जितनी संभावना है उतने ही धन को खर्च करने का अनुमान लगाया जाता है।

तस्वीर-3, व्यय (Expenditure)

बजट से पूर्व लिया गया श्री शिशिर सिन्हा का साक्षात्कार यहां से देखें।

बजट 2023-24 के बाद मनरेगा पर विस्तार से लिखे लेख को यहाँ से पढ़ें।




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