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न्यूज क्लिपिंग्स् | ‘मोदी ने अर्थव्यवस्था को जर्जर किया’ - जीडीपी पर क्या बोले विदेशी अख़बार

‘मोदी ने अर्थव्यवस्था को जर्जर किया’ - जीडीपी पर क्या बोले विदेशी अख़बार

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published Published on Sep 2, 2020   modified Modified on Sep 3, 2020

-बीबीसी,

केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने सोमवार को जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिए, जिसमें यह नकारात्मक रूप से 23.9 फ़ीसदी रही है.

भारतीय अर्थव्यवस्था में इसे 1996 के बाद ऐतिहासिक गिरावट माना गया है और इसका प्रमुख कारण कोरोना वायरस और उसके कारण लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन को बताया जा रहा है.

दुनिया में एक समय सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था रहे भारत के इस नए जीडीपी आंकड़े से जुड़ी ख़बरों और लेख को दुनियाभर के तमाम अख़बारों और मीडिया हाउसेज़ ने अपने यहां जगह दी है.

अमरीकी मीडिया हाउस सीएनएन ने अपने यहां ‘भारतीय अर्थव्यवस्था रिकॉर्ड रूप से सबसे तेज़ी से सिकुड़ी’ शीर्षक से ख़बर लगाई है.

इस ख़बर में कैपिटल इकोनॉमिक्स के शीलन शाह कहते हैं कि इसके कारण अधिक बेरोज़गारी, कंपनियों की नाकामी और बिगड़ा हुआ बैंकिंग सेक्टर सामने आएगा जो कि निवेश और खपत पर भारी पड़ेगा.

जापान के बिजनेस अख़बार निकेई एशियन रिव्यू में भारतीय वित्त आयोग के पूर्व सहायक निदेशक रितेश कुमार सिंह ने एक लेख लिखा है जिसका शीर्षक है, ‘नरेंद्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को जर्जर बनाया.’

इसमें लिखा गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यापार समर्थित छवि होने के बावजूद वो अर्थव्यवस्था संभालने में अयोग्य साबित हो रहे हैं, 2025 तक अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन (खरब) डॉलर की इकोनॉमी बनाने का सपना अब पूरा होता नहीं दिख रहा है.

“भारत के सबसे आधुनिक औद्योगिक शहर से आने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने वादा किया था कि वो अर्थव्यवस्था सुधारेंगे और हर साल 1.2 करोड़ नौकरियां पैदा करेंगे. छह साल तक दफ़्तर से आशावाद की लहर चलाने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था जर्जर हो गई है. जिसमें जीडीपी चार दशकों में पहली बार इतनी गिरी है और बेरोज़गारी अब तक के चरम पर है. विकास के बड़े इंजन, खपत, निजी निवेश या निर्यात ठप्प पड़े हैं. ऊपर से यह है कि सरकार के पास मंदी से बाहर निकलने और ख़र्च करने की क्षमता नहीं है.”

लेख में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी की इकलौती चूक सिर्फ़ अर्थव्यवस्था संभालना नहीं है बल्कि वो भ्रष्टाचार समाप्त करने के मामले में फ़ेल हुए हैं.

“मोदी ने विनाशकारी नोटबंदी की घोषणा की थी जिसका मक़सद काले धन को समाप्त करना था. इसने अराजकता का माहौल बनाया, इस योजना ने लाखों किसानों और मंझोले एवं छोटे उद्योगों के मालिकों को तबाह कर दिया. हालांकि, उनके समर्थकों का कहना था कि यह सब थोड़े समय के लिए है और भ्रष्टाचार से लड़ने में यह आगे फ़ायदा देगा.”

इस लेख में अर्थव्यवस्था के नीचे जाने की वजह जीएसटी के अलावा, एफ़डीआई, 3600 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाना और प्रधानमंत्री मोदी का सिर्फ़ कुछ ही नौकरशाहों पर यकीन करना बताया गया है.

अमरीकी अख़बार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी अपने यहां इस ख़बर को जगह दी है.

भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में सबसे बुरी तरह बिगड़ी है. अमरीका की अर्थव्यवस्था में जहां इसी तिमाही में 9.5 फ़ीसदी की गिरावट है, वहीं जापान की अर्थव्यवस्था में 7.6 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 


मोहम्मद शाहिद, https://www.bbc.com/hindi/india-53983388


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