इंदौर। 'ग्रामोदय से भारत उदय' अभियान में शामिल होने सांवेर विधानसभा क्षेत्र के बूढ़ी बरलाई ग्राम पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए सरकार तमाम सुविधाएं जुटा रही है। प्रदेश की जनसंख्या साढ़े सात करोड़ है और पांच करोड़ से ज्यादा लोगों के नाम गरीबी रेखा में जुड़ गए। इतने गरीब कहां...
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जो बन गए गरीब और बेसहारों के मसीहा
मनीष पाराशर, इंदौर। ज्यादातर लोग या तो अपने लिए काम करते हैं या परिवार के लिए। इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने दूसरों की जिंदगी भी संवारने का जिम्मा उठा रखा है। ये कोई धनवान नहीं, बल्कि दिनभर रोड पर चलने वाले ऑटो ड्राइवर हैं। कोई बच्चों के लिए चलती-फिरती संस्कार की पाठशाला चलाता है तो कोई बेसहारा बुजुर्गों की मदद के लिए हमेशा तैयार...
More »'दस साल में और बहुत सारी विधवाएं देखेंगे'- सौतिक बिस्वास
महाराष्ट्र के वाशीम ज़िले के एक गांव में रहने वाले किसान मुकुंदा वाघ ने 2009 में पहली बार कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. जब वो बेहोश होकर गिर गए और उनके मुंह से झाग निकलने लगा तो उनकी पत्नी ने उन्हें देखा और अस्पताल ले गईं. उस वक़्त अस्पताल में डॉक्टरों ने उनकी जान बचा ली. लेकिन तीन साल के बाद मई 2012 में क़िस्मत ने उनका साथ नहीं...
More »देर से मिला राहत भरा फैसला-- लक्ष्मीकांत चावला
जब आईपीसी में धारा 498-ए को शामिल किया गया था, तो समाज ने, विशेषकर वैसे परिवारों ने राहत महसूस की, जिनकी बेटियां दहेज के कारण ससुराल में पीड़ित थीं या निकाल दी गई थीं। लोगों को लगा कि विवाहिता बेटियों के लिए सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। इससे दहेज के लिए बहुओं को प्रताड़ित करने वालों परिवारों में भी भय का वातावरण बना। शुरू में तो कई लोग कानून...
More »खौफ पर शिक्षा की लौ भारी
बाल विवाह व दलालों की खिलाफत करनेवाली गुमला की विरशमुनी कुमारी व ममता कुमारी की चर्चा पूरे राज्य में है. चैनपुर की सुनीता की कुरबानी भी आदर्श है, जिसने नक्सलियों के साथ से ज्यादा पढ़ाई को महत्व दिया. जान गवां दी, पर झुकी नहीं. असामाजिक तत्वों के खिलाफ शिक्षा की मशाल जला यहां की बेटियां समाज को बदलाव की नयी राह दिखा रही हैं. गुमला से लौट कर जीवेश ...
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