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निर्धनता का विचित्र पैमाना- संजय गुप्त

उच्चतम न्यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खामियां दूर करने के मामले की सुनवाई के सिलसिले में योजना आयोग के इस हलफनामे ने देश को चौंका दिया कि शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 32 और ग्रामीण इलाकों में 26 रुपये खर्च करने वाले लोग गरीबी रेखा से ऊपर माने जाएंगे। इस हलफनामे से योजना आयोग के साथ-साथ केंद्र सरकार की भी फजीहत हुई। इस हलफनामे को लेकर सबने सरकार को कोसा।...

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अनरियल एस्टेट- हिमांशु शेखर(तहलका)

उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...

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महंगी चिकित्सा और मरते गरीब-- भगवती प्रसाद डोभाल

आज के दौर में अलग-अलग रोगों के लिए निजी अस्पतालों की पूरे देश में बाढ़-सी आ गई, पर इनमें इलाज कितना अच्छा हो रहा है, उसकी पड़ताल आवश्यक है। यह भी देखने में आया है कि इन अस्पतालों में इलाज कराना आम जनता के बस की बात नहीं है। दूसरी ओर, सरकारी अस्पतालों की दिनोंदिन खस्ता होती हालत से इलाज के अभाव में गरीब जल्द ही इस दुनिया से विदा...

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सरकारी लेटलतीफी के चलते गरीबों के मकान 1 लाख रु. महंगे

भोपाल। केंद्र सरकार की दो योजनाओं के तहत प्रदेश में गरीबों के लिए बन रहे 60 हजार मकानों की लागत 578 करोड़ रुपए बढ़ गई है। यह भार हितग्राहियों पर ही आने वाला है। पहले उन्हें मात्र 13 हजार में मकान दिया जा रहा था। अब उसे 1 लाख 13 हजार रुपए चुकाने होंगे। उधर केंद्र ने अतिरिक्त राशि देने से पहले ही इनकार कर दिया है। राज्य सरकार ने भी अपने हाथ...

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कैग की रिपोर्ट से घेरे में दिल्ली दरबार

नई दिल्ली।। कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन में भ्रष्टाचार पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट संसद में पेश कर दी गई। इसमें पीएमओ, दिल्ली राजनिवास, दिल्ली सरकार, खेल मंत्रालय और केंद्रीय व दिल्ली सरकार की निर्माण एजेंसियों पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। 745 पेज की यह रिपोर्ट कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन में बड़े पैमाने पर नेताओं और निर्माण एजेंसियों द्वारा मचाई गई ' बंदरबांट ' का पर्दाफाश करती...

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