अलगाववाद के कारण तबाह-परेशान देश के उत्तरपूर्वी राज्य नगालैंड ने स्कूली शिक्षा के मामले में देश को नयी राह दिखायी है. यहां सरकार ने राज्य के 15 सौ के करीब स्कूलों को समाज को सौंप दिया. इन स्कूलों का संचालन समाज ही करता है. वही शिक्षकों के कामकाज और मिड-डे मील की गुणवत्ता का निर्धारण करता है और स्कूल के बजट को अपने हाथों से खर्च करता है. इस प्रयोग...
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जब भूख लगती है शहर को..
गरीबी पर योजना आयोग के ताजा आंकड़ों ने थाली की कीमत को बहस के केंद्र में ला दिया है. देशभर में चल रही इस गरमागरम बहस के बीच हमने खोज की उस थाली की जिसे किसी शहर की भूख मिटाने वाला कहा जा सकता है. प्रचलित अर्थो में इस थाली को भले ही दोपहर का खाना न कहा जाये, लेकिन आज ये किसी शहर की पहचान से जुड़ गयी हैं....
More »262 शिक्षकों के जिम्मे 30 हजार विद्यार्थी
जमशेदपुर: जिले के उच्च विद्यालयों (सरकारी) में नौवीं व 10वीं कक्षा के विद्यार्थी भगवान भरोसे ही पढ़ाई कर रहे हैं. शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के साथ-साथ माह-दर-माह विद्यालयों में रिक्त पदों की संख्या बढ़ती जा रही है. फिलहाल जिले में शिक्षकों के स्वीकृत पद 1282 हैं जिनके विरुद्ध मात्र 262 शिक्षक ही पदस्थापित हैं. मतलब 1020 शिक्षकों के पद खाली हैं. आलम यह है कि 30 हजार विद्यार्थियों को पढ़ाने के...
More »पहले नहीं अंत में खाते हैं शिक्षक
बिहार के मशरक प्रखंड में मिड -डे मिल खाने से हुई 23 बच्चों की मौत के बाद इस योजना को लेकर राष्ट्रीय बहस छिड़ी हुई है. देश के विभिन्न भागों से पहले भी मध्याह्न् भोजन खाने से मौत की खबरें आती रही हैं. लेकिन, बिहार की घटना अब तक की सबसे बड़ी घटना बतायी जा रही है. इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इस घटना...
More »मलाला अवॉर्ड से रजिया के गांव में जश्न का माहौल
मेरठ की रजिया सुल्तान को पहला मलाला अवॉर्ड मिलने की घोषणा के बाद उसके गांव नांगला कुभा में जश्न का माहौल है और गांव के लोग इस 16 वर्षीय लड़की को इतनी ऊंचाई पर देखकर बहुत गौरावान्वित महसूस कर रहे हैं। ईंट आपूर्ति का काम करने वाले रजिया के पिता फरमान को अभीतक अपनी बेटी को मिलने वाले पहले मलाला अवॉर्ड के महत्व और प्रतिष्ठा का अनुमान भी नहीं है फिर...
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