चालू रबी विपणन सीजन 2013-14 में गेहूं की सरकारी खरीद 16 फीसदी पिछड़कर 239.59 लाख टन की ही हो पाई है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में गेहूं की दैनिक आवक कम हो गई है। ऐसे में सरकारी खरीद 250 लाख टन के आस-पास सिमटने की संभावना है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई ) के अनुसार चालू रबी विपणन सीजन 2013-14 में गेहूं की सरकारी खरीद अभी तक 239.59 लाख टन की ही हो...
More »SEARCH RESULT
अमेरिका ने रैनबेक्सी ने अपराध स्वीकार किया, समझौते में देगी 50 करोड़ डालर
वाशिंगटन (भाषा)। भारत की दो इकाइयों में कुछ मिलावटी दवाइयां बनाने और उसके वितरण से संबंधित आरोपों को स्वीकार करते हुए रैनबेक्सी की अमेरिकी सहायक कंपनी 50 करोड़ डालर की राशि का भुगतान करने पर आज सहमत हो गयी। जेनेरिक दवा बनाने वाली किसी कंपनी द्वारा समझौते में यह अब तक की सबसे अधिक राशि है। अमेरिकी न्याय विभाग ने एक बयान में कहा कि भारत कीे जेनेरिक फार्मा कंपनी रैनबेक्सी...
More »तोते का पिंजरा और आकाश- शीतला सिंह
जनसत्ता 11 मई, 2013: हम जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो कहते हैं, सर्वोच्च न्यायालय की दृष्टि में वह और कुछ नहीं, बल्कि सरकारी ‘पिंजरे का तोता' है जिसके कई मालिक हैं। न्यायालय ने यह राय कोयला घोटाले की जांच की प्रगति-रिपोर्ट उसे सौंपे जाने से पहले सरकार से साझा किए जाने पर जाहिर की है। रिपोर्ट को कानून मंत्री के अलावा कोयला मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिवों ने भी...
More »खेती की पढ़ाई के लिए इंजीनियरिंग से 10 गुना ज्यादा कांपिटिशन
रायपुर. रोजगार के बेहतर मौकों की वजह से एग्रीकल्चर की पढ़ाई इस समय इंजीनियरिंग पर भारी पड़ती दिख रही है। इंजीनियरिंग कोर्स के प्रति छात्रों का रुझान घटता जा रहा है। पीईटी के लिए इस साल आए आवेदनों को देखा जाए, तो इंजीनियरिंग की हर दो सीटों के लिए करीब तीन छात्रों के आवेदन थे। ठीक उलट एग्रीकल्चर की दो सीटों के लिए 50 दावेदार मैदान में हैं। राज्य...
More »उत्तर प्रदेश: एक शहर का कहर- जयप्रकाश त्रिपाठी
कहीं कब्रिस्तान और श्मशान पर कब्जा तो कहीं तालाब पाटकर बनती बहुमंजिला इमारतें. कहीं फर्जी रजिस्ट्री तो कहीं बिना मुआवजा दिए ही जमीन का अधिग्रहण. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हाईटेक टाउनशिप की आड़ में हो रही इन कारगुजारियों से परेशान हजारों किसानों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट. रसूखदार और ताकतवर के लिए उत्तर प्रदेश में नियम-कानून कोई मायने नहीं रखते, यह हाल के...
More »