SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1273

श्रीगंगानगर कलेक्टर ने लिखा, "मैं शर्मिंदा हूं"

जयपुर। राजस्थान स्थित श्रीगंगानगर के जिला कलेक्टर पीसी किशन ने आखिर कागज पर "मैं शर्मिंदा हूं" लिखकर अपने खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से माफी मांग ली। मुआवजा मांगने आए किसानों को जेल में डालने की धमकी देने और इसके बाद फिर एक विवादित बयान देने वाले कलेक्टर के खिलाफ शुक्रवार को श्रीगंगानगर बंद रहा था और किसानों तथा अन्य लोगों ने कलेक्टर के खिलाफ रैली निकाली थी। बाद में जब ये...

More »

फसलों का नुकसान: मुआवजा पाने में कितने पेंच

  क्या बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से गेहूं और चने जैसे महत्वपूर्ण रबी-फसल के नुकसान की मार झेल छह राज्यों के किसानों को इतना मुआवजा मिल पाएगा कि उनके लागत की ही भरपायी हो सके ?   प्रश्न के उत्तर के नीचे लिखे तथ्य पर गौर करें.   एक क्विन्टल गेहूं को उपजाने और बाजार तक पहुंचाने में किसान को 1212 रुपये की लागत आती है, एक क्विन्टल चने के लिए यही खर्च...

More »

एक और चिपको आंदोलन की जरूरत-- अनूप नौटियाल

पर्यावरण और हरियाली बचाने को लेकर जब भी बात की जाती है, तो उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में 1970 के दशक के 'चिपको आंदोलन' का जिक्र होना स्वाभाविक है। पहाड़ के जंगलों को बचाने के लिए अलख जगाने वाली गौरा देवी और उनके सहयोगी इस आंदोलन के जनक और प्रेरणाश्रोत के रूप में देश-दुनिया में पहचाने जाते हैं। उत्तराखंड के दूर-दराज के जिले चमोली की ग्रामीण महिलाओं के अथक प्रयासों...

More »

आदिवासी अस्मिता का सवाल-- डा. अनुज लुगुन

आज दुनिया की कई भाषाएं मरने के कगार पर इसलिए खड़ी हैं, क्योंकि वैश्विक दुनिया के मानकों के अनुसार वे लाभकारी नहीं हैं. वैश्वीकरण के मुनाफे की इस प्रवृत्ति ने भाषाओं के बीच जो दूरी पैदा की है, वह पहले कभी नहीं थी. पहले भी भाषाएं मरती रही हैं, लेकिन उसके कारण के रूप में मुनाफे वाली मानसिकता नहीं रही है. भाषाओं का यह संकट सामान्य रूप से भी...

More »

पीछे छूट गया रोजगार का सवाल- हरिवंश चतुर्वेदी

आर्थिक उदारीकरण के दौर में जिन राज्यों के आर्थिक विकास की दर तेज रही और जिन्हें समय-समय पर एक मॉडल की तरह पेश किया गया, वहां अब सामाजिक- आर्थिक स्थिति विस्फोटक हो रही है। पिछले एक वर्ष में हरियाणा के जाटों, गुजरात के पटेलों, महाराष्ट्र की मराठा जातियों और आंध्र प्रदेश में कापू जाति के लोगों ने खुद को अन्य पिछड़ी जातियों में शामिल किए जाने की मांग को लेकर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close