लगातार दो सालों (2014-15 और 2015-16) में सामान्य से क्रमशः 12 और 14 फीसदी कम बारिश के कारण सूखे की मार झेल चुका देश इस साल मानसून से पहले भयावह गर्मी की चपेट में है. चैत के दिन जेठ के दुपहरिया की तरह तपे और देश के कई इलाकों में अप्रैल महीने में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से लेकर 46 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा जो कि सामान्य से...
More »SEARCH RESULT
9 राज्य सूखाग्रस्त, आंखें बंद नहीं कर सकता केंद्र
नयी दिल्ली, 6 अप्रैल (एजेंसियां) downloadसुप्रीम कोर्ट ने देश में सूखे की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार को आज आड़े हाथों लिया। न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति एन वी रमण की पीठ ने एनजीओ ‘स्वराज अभियान' की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि देश के 9 राज्य सूखे से प्रभावित हैं और केंद्र सरकार इस पर अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती। पीठ ने इससे निपटने के...
More »क्या गरीबी एक राजनीतिक पूंजी है? - विजय संघवी
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हाल ही में कहा कि भारत में गरीबी कायम रखने में कांग्रेस का योगदान था, क्योंकि गरीबों को वे वोटबैंक की तरह मानते थे। शाह ने जो कहा, वह एक राजनीतिक आम धारणा भी है। लेकिन इस कथन की विस्तार से पड़ताल करने के लिए हमें इसके विभिन्न् परिप्रेक्ष्यों को ठीक से समझना होगा। जॉन राल्स्टन सॉल ने तीन तरह के छवि-निर्माताओं की तस्दीक की है।...
More »5 साल में किसानों की आमदनी दुगुना, विकास का कसीनो मॉडल तो नहीं
बजट 2016 में केंद्र सरकार ने गांव और किसानों को तवज्जो दी गयी है इसके विषय में कई बाते कहीं जा रही है। कोई इसे ग्राम देवता का बजट बता रहा है तो कोई किसान देवता का। लेकिन विशेषज्ञ सरकार के गांवो में प्रति समर्पित बजट के सवाल पर बंटे हुए हैं। योजना आयोग के पूर्व सदस्य अभिजित सेन कहते हैं कि वित्त मंत्री अरूण जेटली को अपने बजट मे...
More »बजट 2016-17: खेती को पानी मिले, किसानों को वाजिब दाम
हालांकि नई फसल बीमा योजना को प्रधानमंत्री ने "किसान की सारी मुसीबतों का समाधान" बताया है लेकिन लगातार दो दफे सूखे की चपेट में आई खेतिहर अर्थव्यवस्था की मौजूदा बदहाली नये बजट में फौरी तौर पर विशेष उपाय करने की मांग करती है.(देखें प्रधानमंत्री का भाषण) एक ऐसी स्थिति में जब कृषिगत सकल घरेलू उत्पाद में लगातार दो वित्तवर्षों (2014-15 में -2%, 2015-16 में 1.1%) में बड़ा मामूली इजाफा हुआ हो,...
More »