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डब्ल्यूटीओ के 12वें मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में भारत के लिए "पीस क्लॉज" से "परमानेंट सलूशन" तक जाने की गंभीर चुनौती

-रूरल वॉइस, विश्व व्यापार संगठन  (डब्ल्यूटीओ) के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी12) की बैठक 30 नवम्बर से लेकर 3 दिसम्बर के दौरान  स्विटजरलैंड के जेनेवा में आयोजित की जाएगी । एमसी 12 का पिछले साल कजाकिस्तान में होने वाला यह सम्मेलन  कोरोना महामारी के कारण स्थगित हो गया था ।  साढ़े सात दशक पहले अस्तित्व में आई बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के समय से ही डब्ल्यूटीओ के सदस्यों के बीच कृषि सबसे  विवादस्पद...

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किसानों और खेतिहर मजदूरों की खुदकुशी: पंजाब की जमीनी हकीकत बनाम सरकारी आँकड़े

-गांव सवेरा, भारत में दुर्घटनावश मौतों और खुदकुशी पर राष्‍ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्‍यूरो (एनसीआरबी) के ताज़ा आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते नज़र आते हैं कि देश में किसानों की आत्‍महत्‍या के मामलों में गिराव्रट आ रही है। मुख्‍यधारा का मीडिया जोरशोर से प्रचारित कर रहा है कि किसानों की खुदकुशी के मामले घटे हैं। इन रिपोर्टों के मुताबिक किसानों के मुकाबले अब खेतिहर मजदूर और दूसरे तबके के लोग...

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नवीनतम उपलब्ध एनएसओ डेटा: फसल वर्ष 2012-13 और 2018-19 के बीच महंगा हुआ खेती करना

एक अर्थशास्त्री से यह सुनना लगभग तय है कि अगर सरकार के हस्तक्षेप के लिए कुछ मुफ्त या रियायती दर पर उपलब्ध है, तो लोग ऐसे सामानों / वस्तुओं का अति प्रयोग या अधिक उपभोग करते हैं. तो, सबसे अच्छा समाधान इस तरह के 'लगभग मुफ्त में उपलब्ध' या 'अत्यधिक सब्सिडी वाले' सामान या वस्तुओं के लिए एक बाजार बनाना है. एक बार जब लोग ऐसे सामान/वस्तुओं के उपयोग या...

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किसान आंदोलन: दायरा बढ़ाकर राष्ट्रीय मंच बनाने की जरूरत

-रूरल वॉइस, किसान नेता राकेश टिकैत ने कुछ महीने पहले कहा था कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो साल 2024 तक किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर धरने पर बैठने को तैयार हैं ।  टिकैत ने यह बयान तब दिया था जब किसान नेताओं औऱ सरकार  के बीच  लगातार बढ़ती  तनातनी के बीच जनवरी के बाद से सरकार  की तरफ  से औपचारिक बातचीत भी बंद हो गई । लेकिन...

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बिहार का बदलता मौसम कैसे मक्के की खेती को तबाह कर रहा है

-बीबीसी, बिहार के पूर्णिया ज़िले को मिनी दार्जिलिंग कहा जाता है, लेकिन इन दिनों यहां मौसम कुछ ज़्यादा ही बेईमान दिख रहा है और इससे किसान बेहाल हैं. सीमांचल के दूसरे ज़िलों की तरह ही असमान और बेमौसम बारिश और आंधी तूफ़ान किसानों के साथ-साथ आम लोगों के जीवन को भी तबाह कर रहे हैं. शहर की सड़कों से लेकर गांव में खेतों तक पानी जमा है. कैलाश यादव अपने बड़े से...

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