आधार बिल का पास होना कितना महत्वपूर्ण है? वास्तव में यह बेहद महत्वपूर्ण है! पिछले हफ्ते दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तत्वावधान में हुई एडवांसिंग एशिया कांफ्रेंस में मौजूद बहुतेरे अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने सरकार के इस कदम की तारीफ की। इस कानून का सीधा सरोकार सबसिडी के डायरेक्ट कैश ट्रांसफर से है और सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सबसिडी की...
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मिलावटी दूध की बहती गंगा - भवदीप कांग
शुरुआत इसी विरोधाभासी तथ्य से करें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है! पिछले पंद्रह वर्षों में भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है। अब यह 322 ग्राम प्रतिदिन है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब भारत में दूध की मांग व आपूर्ति का तंत्र अच्छी तरह विकसित हो चुका है तो हम मिलावटी दूध पीने को मजबूर क्यों हैं?...
More »5 साल में किसानों की आमदनी दुगुना, विकास का कसीनो मॉडल तो नहीं
बजट 2016 में केंद्र सरकार ने गांव और किसानों को तवज्जो दी गयी है इसके विषय में कई बाते कहीं जा रही है। कोई इसे ग्राम देवता का बजट बता रहा है तो कोई किसान देवता का। लेकिन विशेषज्ञ सरकार के गांवो में प्रति समर्पित बजट के सवाल पर बंटे हुए हैं। योजना आयोग के पूर्व सदस्य अभिजित सेन कहते हैं कि वित्त मंत्री अरूण जेटली को अपने बजट मे...
More »मोदी के बताए मार्ग से गांव की ओर मुड़ने को मजबूर हुए जेटली-- विनोद अग्निहोत्री
अपने पिछले दो बजटों से उलट मोदी सरकार ने तीसरे बजट में सरकारी खजाने का पिटारा गांव और किसान की तरफ खोलते हुए अपनी सूट बूट की सरकार की छवि बदलने की जो कोशिश की है,वह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर की गई है। बजट भले ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बनाया हो, लेकिन इस बजट के लिए विशेष इनपुट खुद प्रधानमंत्री ने अपने वित्त मंत्री को...
More »जरूरी है किसानों की आय बढ़ाना --- देविन्दर शर्मा
भारत के 17 राज्यों में खेती से एक किसान की औसत आय 20 हजार रुपये सालाना है. इसमें उत्पादन का वह अंश भी शामिल है जिसे वह पारिवारिक उपभोग के लिए रखता है. दूसरे शब्दों में, इन राज्यों में किसान की औसत मासिक आय महज 1,666 रुपये है. जी हां, आपने सही पढ़ा. महज 1,666 रुपये. इस तस्वीर में आप खुद को रख कर देखें. अगर आप किसान होते और...
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