SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1224

केंद्रीय बजट 2022-23 में पूंजीगत खर्च बढ़ाने के पीछे का सच

-न्यूजक्लिक, वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण का केंद्रीय बजट 2022-23 एक ही जुनून (obsession) पर आधारित है। यह जुनून बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में कैपिटल एक्सपेंडिचर (कैपेक्स) बढ़ाने का है। धारणा यह है कि इस तरह के big-ticket वाले बुनियादी ढांचे के खर्च से अतिरिक्त मांग पैदा होगी और निजी निवेश का खुद ही प्रवेश होगा, और इस तरह विकास को बढ़ावा मिलेगा।  न्यूज़क्लिक ने पूर्व वित्त सचिव श्री एस.पी. शुक्ला से केंद्रीय...

More »

स्वास्थ्य बजट: कोरोना के भयानक दौर को क्या भूल गई सरकार?

-न्यूजक्लिक, वित्तीय वर्ष 2022-23 के स्वास्थ्य बजट से इस क्षेत्र के जानकार आहत,दुःखित और आक्रोशित हैं। पूर्व स्वास्थ्य सचिव भारत सरकार के. सुजाता राव कहती हैं- "कोविड-19 के कारण 30 लाख लोगों की मृत्यु होने का अनुमान है जो किसी भी दृष्टि से अस्वीकार्य है। मौत का यह आंकड़ा कम हो सकता था, लोगों की अकल्पनीय पीड़ा में भी कमी लाई जा सकती थी यदि हमारा स्वास्थ्य तंत्र ठीक ठीक काम...

More »

इनडोर पाइप से पेय जल की आपूर्ति से किसे लाभ होता है? लैंगिक आधार पर विश्लेषण

-आइडियाज फॉर इंडिया, भारत में, घरों में इनडोर पाइप से पेय जल (आईपीडीडब्ल्यू) की आपूर्ति बहुत सीमित है, और महिलाओं पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है क्योंकि उन्हें बाहर से पानी लाने का बोझ उठाना पड़ता है। यह लेख 2005-2012 के भारत मानव विकास सर्वेक्षण डेटा का उपयोग करते हुए दर्शाता है कि परिवारों को इनडोर पाइप से पेय जल मिलने से रोजगार में- विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि...

More »

जेंडर बजट में कटौती, मोदी सरकार के ‘अमृतकाल’ में महिलाओं की नहीं कोई जगह

-न्यूजक्लिक, “देश के उज्ज्वल भविष्य में नारी शक्ति की भूमिका अहम है। अमृत काल के दौरान महिलाओं के विकास के लिए हमारी सरकार ने महिला और बाल विकास मंत्रालय की स्कीमों को नया और व्यापक रूप दिया है।" अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिला सशक्तिकरण और अधिकारों की बड़ी-बड़ी बातें तो कीं मगर उनके बजट में सरकार की वो प्रतिबद्धता महिलाओं के लिए नज़र नहीं आई। इस बजट में महिला एवं बाल विकास विभाग के...

More »

आम बजट 2022-23:स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) पर फिर से ध्यान देना जरूरी क्यों?

-डाउन टू अर्थ,  क्या हमारा ध्यान प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) से हट रहा है। इसका जवाब जो भी हो, तथ्य यह है कि अगर हम ऐसा कर रहे हैं, तो हम इसकी भरपाई नहीं कर सकते। अक्टूबर 2019 में ग्रामीण भारत को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया था। इस घोषणा से केंद्र सरकार के जल-शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेयजल और स्वच्छता विभाग का...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close