SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 69

एचआईवी के खिलाफ एक गांव की जंग- अन्नु आनंद

कोल्हापुर का नाम कोल्हापुरी जूतियों के लिए जाना जाता है. व्यापारी जगत में यह चीनी की मिलों के लिए भी मशहूर है. फिल्मों में रुचि रखने वाले इसे पद्मिनी कोल्हापुरी के नाम से भी पहचानते हैं. लेकिन महाराष्ट्र के कोल्हापुर नाम का यह जिला अब जन-भागीदारी के अनूठे प्रयास के लिए समूचे देश में एक नयी मिसाल कायम कर रहा है. एचआइवी के खिलाफ जंग में विभिन्न समुदायों ने मिलकर यहां ऐसे प्रयासों...

More »

गरीबी और सरकारी अमानवीयता- एम जे अकबर

यह इनसानी स्वभाव है कि व्यक्ति अगर अच्छे मूड में हो, तो वह अपने सहयोगी को इंतजार कर रही त्रासदी से बचाने में गर्व महसूस करता है. एक दागदार व्यक्ति को सतत रूप से जारी फिजूल तमाशे से बचाना एक अच्छा मौका हो सकता है. संभवत: वक्त आ गया है जब हम सब मिल कर 28 साल पहले दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों के दौरान लोगों को हत्या और...

More »

‘90 फीसदी महिलाएं अपनी गुलामी का जश्न मनाती हैं’

स्त्री मुक्ति और आदिवासी संघर्ष का जिक्र करें तो रमणिका गुप्ता का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. अपने लंबे संघर्षमय जीवन के विभिन्न पड़ावों एवं एक लेखिका-सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में दोहरे जीवन की चुनौतियों के बारे में उनकी पूजा सिंह से बातचीत. आप सक्रिय राजनीति में रहीं. तीन दशक पहले चुनाव भी जीतीं. आज देश के कई बड़े राज्यों में महिला मुख्यमंत्री हैं. केंद्र में भी सबसे प्रभावी...

More »

जहां विचारों की कमी है- अपूर्वानंद

जनसत्ता 30 जनवरी, 2013: जयपुर साहित्य समारोह में आशीष नंदी के वक्तव्य के कारण उनके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उत्पीड़न संबंधी कानून के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। बल्कि कहना ठीक होगा, मुकदमे दर्ज किए गए हैं, राजस्थान और उसके बाहर भी। अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग ने उनकी अब तक गिरफ्तारी न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। वाम, दक्षिण, मध्यमार्गी, हर प्रकार के राजनीतिक दल ने...

More »

उदार पीढ़ी का उद्वेग- सुधीश पचौरी

जनसत्ता 4 जनवरी, 2012: पिछले करीब पंद्रह दिनों में एक युवा विमर्श प्रकट हुआ है, जो कई वजहों से  ऐतिहासिक है। उसके कारक, लक्ष्य और परिणाम नए हैं। वह प्रकटत: स्वत:स्फूर्त स्वभाव से असंगठित और अराजनीतिक प्रतीत होता है। वह ‘परदुख कातर’ है। पुलिस प्रशासन और सत्ता से अन्याय के बरक्स न्याय के सवाल कर रहा है। वह बर्बरता के विरोध में है। वह एक ऐसा नागरिक समाज चाहता है, जिसमें...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close