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फसल बीमा योजना की सफलता के गान के बीच निजी कंपनियों ने ख़ारिज किए 75 फीसदी दावे

-द वायर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी आंदोलन के मद्देनजर अपनी सरकार को ‘किसान हितैषी’ दिखाने के एजेंडा के तहत 13 जनवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का गुणगान किया और योजना के पांच साल पूरा होने को लेकर किसानों को बधाई दी थी. अपने एक ट्वीट में उन्होंने दावा किया कि इस योजना ने प्रकृति के प्रकोप से किसानों को बचाया है और करोड़ों किसानों को...

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मोदी सरकार की 'ओवरसाइट' थी पीपीएफ़ समेत बचत योजनाओं के ब्याज दरों में कटौती या 'इनसाइट'

-बीबीसी, केंद्र सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन छोटी बचत पर मिल रहे ब्याज दरों को कम करने का फ़ैसला किया, लेकिन इसके अगले दिन गुरुवार को ही यानी नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन इस फ़ैसले को वापस ले लिया गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट के ज़रिए इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा, "छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें 2020-21 की अंतिम तिमाही की दरें जितनी बनी रहेंगी."...

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कॉरपोरेट टैक्स दरों को घटाने के बावजूद भी कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए नियमित रूप से टैक्स छूट और प्रोत्साहन जारी

अक्सर यह मुख्यधारा के अर्थशास्त्रियों द्वारा तर्क दिया जाता है कि हर साल केंद्रीय बजट का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाता है क्योंकि सरकार खाद्य और उर्वरक सब्सिडी पर खर्च करती है. पूरे बजट के साथ-साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सापेक्ष इन दोनों सब्सिडी के डेटा का उपयोग अक्सर इस तर्क को बल देने के लिए किया जाता है कि आर्थिक के साथ ही साथ देश की पर्यावरणीय...

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बैड बैंक और निजीकरण: बैंक फॉर सेल

-आउटलुक, “सरकारी बैंकों में निजी निवेश के लिए उसका एनपीए कम होना जरूरी है और बैड बैंक इसमें मददगार होगा, इसलिए बैंक निजीकरण और बैड बैंक का गठन, दोनों फैसलों को एक-दूसरे से जोड़कर देखा जाना चाहिए” एस.के. सिंह इन दिनों एक बैंक की बहुत चर्चा है- बैड बैंक। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को बजट में इसका जिक्र किया, जिस पर बाद में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास...

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पंचतत्व: देवास ने मिट्टी से जल संकट का समाधान निकाल कर कैसे बुझायी अपनी प्यास

-जनपथ, मध्य प्रदेश में एक इलाका है मालवा. बेहद संपन्न, बेहद उपजाऊ, पर मालवा का देवास जिला इसकी संपन्नता का ठीक उलट था. वजह- गहरा जल संकट. इस इलाके में जलसंकट सन 2000 वाले दशक में इतना विकट था कि शहर में जलापूर्ति ट्रेनों के जरिये की जाने लगी थी. खेती चौपट हो गई और किसानों को साल भर में महज एक ही फसल मिल रही थी. पानी के संकट ने...

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