पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बार-बार दोहराया है कि उनकी सरकार छोटे किसानों के दो लाख रुपये तक के कर्ज माफ कर देगी। इससे राज्य सरकार के खजाने पर करीब 9,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा, जबकि 10.25 लाख किसानों को लाभ होगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनके 34,000 करोड़ रुपये की कर्जमाफी से 89 लाख छोटे किसानों को फायदा होगा। इसके बावजूद...
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किस दिशा में जा रहा समाज-- महेश तिवारी
इस सभ्यता को हुआ क्या है। कहीं हिंसात्मक माहौल है, कहीं बर्बरता की सीमा लांघी जा रही है। क्या यही लोकतांत्रिक व्यवस्था है? जिस समाज की सभ्यता और संस्कृति के रग-रग में आपसी भाईचारा और वसुुधैव कुटुम्बकम की भावना समाहित है, अगर उस समाज में बर्बरता की प्रवृत्ति बढ़ रही है और सारा परिवेश हिंसा से आक्रांत नजर आ रहा है तो फिर इसके कारणों पर विचार करना बहुत जरूरी...
More »अंग्रेजी की दीवार गिराए बिना नहीं मिलेगी हिंदी को जमीन-- आशुतोष कुमार
हिंदी को लेकर माहौल फिर गर्म होने लगा है। इसके पीछे दो केंद्रीय मंत्रियों के ताजा बयान हैं। एक ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। सच्चाई यही है कि संविधान में राष्ट्रभाषा की कोई अवधारणा नहीं है। हिंदी सरकारी भाषा है, अंग्रेजी के साथ-साथ। संविधान लागू करते समय कहा गया था कि अगले पंद्रह वर्षों में अंग्रेजी हटा दी जाएगी। लेकिन गैर हिंदीभाषी राज्यों के विरोध के कारण ऐसा...
More »और भी गम हैं जीएसटी के सिवा - मृणाल पाण्डे
जबर्दस्त सरकारी तामझाम के साथ जीएसटी का आगाज़ हो चुका है। इस वक्त भले ही हर जगह जीएसटी को लेकर चर्चा छिड़ी हो, पर तय है कि देश 2017 द्वारा विमोचित कुछ अन्य बडी चुनौतियों की चर्चा से काफी महीनों तक बरी नहीं हो पायेगा| मसलन स्वयंभू (कम से कम सरकार तो यही कह रही है) गोरक्षकों की देश भर में अल्पसंख्यकों के खिलाफ चलाई जा रही अंधी हिंसा की...
More »कृषि को लाभकारी बनाना अपरिहार्य-- विवेक त्रिपाठी
भारत में किसान को अन्नदाता की उपाधि दी गई। पर आज वह निराश नजर आ रहा है। कृषि उपज का वाजिब मूल्य न मिलने से वह परेशान है। किसान को कर्ज लेना पड़ रहा है। वही उसके लिए जानलेवा साबित होता जा रहा है। किसानों की आत्महत्याओं में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। भारत में किसान आत्महत्या 1990 के बाद पैदा हुई स्थिति है, जिसमें प्रतिवर्ष दस हजार से...
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