नवीन सिंह खड़का(बीबीसी)--भारत ने कहा है कि वो संयुक्त राष्ट्र में सौंपी जाने वाली जलवायु योजना में ऐसी कोई घोषणा नहीं करेगा कि कब ग्रीन हाउस गैसों का उसका उत्सर्जन सबसे ऊंचे स्तर पर होगा. पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बीबीसी से ख़ास बातचीत में बताया कि किसी ने ऐसी कोई घोषणा करने को कहा भी नहीं है क्योंकि दुनिया भारत की विकास ज़रूरतों को जानती है. एक दिन पहले ही चीन...
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सबकी पहुंच में हो बिजली- वरुण गांधी
भारत में तकरीबन साढ़े सात करोड़ परिवार ऐसे हैं, जिनके घरों��� में बिजली नहीं है। बिजली के उत्पादन के लिए हम कोयले का आयात करते हैं। हम पूरे देश में बिजली का पारेषण करते हैं, जिसमें समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक हानि के तौर पर 25 फीसदी बिजली का नुकसान उठाना पड़ता है। जहां तक बिजली के दाम के सवाल है, तो यह जिन दामों पर बेची जाती है, वे बाजार...
More »'एक बड़े पत्रकार, एक सच्चे मानवतावादी'-- अमित सेनगुप्ता
क़रीब दो हफ़्ते पहले की बात है, प्रफुल्ल बिदवई मछली खाना चाहते थे. उन्हें पता था कि मेरे पड़ोस में बंगाली खाने का कारोबार करने वाले सागर चटर्जी मेरे दोस्त हैं. चटर्जी ने साइकिल पर अपने कारोबार की शुरुआत की थी. सागर और उनकी पत्नी स्वादिष्ट पूर्वी बंगाली व्यंजन बनाते हैं. मैंने प्रफुल्ल को फ़ोन करके यहाँ खाने का न्योता दिया. उन्होंने बताया कि वो 'भारतीय वामपंथ की चुनौतियाँ' विषय पर अपनी...
More »अस्तित्व बचाने को जूझ रहीं "सभ्यता की जननी"
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। जिनके आंगन में हजारों वर्षों से मानव सभ्यता फली-फूली, वे ही अपना अस्तित्व" बचाने को संघर्ष कर रहीं हैं। "सभ्यता की जननी" नदियों की हकीकत आज कुछ ऐसी ही है। जो हाल गंगा-यमुना का है वैसी पीड़ा में देश की 275 नदियां हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि जीवनदायिनी नदियों की हालत सुधरने के बजाय बदतर हो रही है। इनको निर्मल और अविरल बनाने की राह...
More »गेहूं की तरह अब किसान धान की भी करें बुआई
मौसम के उतार-चढ़ाव और सूखे की आशंका के बीच इस साल धान की खेती बड़ी चुनौती है। मॉनसून आने की आहट के बीच मौसम विशेषज्ञ इस वर्ष सामान्य से कम वर्षापात की घोषणा भी कर चुके हैं। ऐसे में कृषि वैज्ञानिक धान की सीधी बुआई को सटीक विकल्प बता रहे हैं। यह खेती बिल्कुल गेहूं की खेती जैसी होती है। पिछले चार साल से पूसा कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर धान की सीधी...
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