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भूमंडलीकरण का शब्दजाल- सुनील

साहित्य में कबीर की उलटबांसियां प्रसिद्ध हैं। गहरे से गहरे दार्शनिक रहस्यों को बताने के लिए कबीर जीवन के कुछ ऐसे विरोधाभासों का सहारा लेते हैं, जिनमें ऊपर से कुछ और दिखाई देता है, किंतु अंदर कुछ और होता है। वैश्वीकरण के साथ ही दुनिया में एक नई शब्दावली आई है, जो कुछ-कुछ उलटबांसियां जैसी ही हैं। जैसे वैश्वीकरण, भूमंडलीकरण, जगतीकरण या जागतिकीकरण को ही लें, जो ग्लोबलाइजेशन के विविध...

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खेती की उपेक्षा और खाद्य सुरक्षा- भारत डोगरा

जनसत्ता 21 मार्च, 2012: लोकसभा में पिछले वर्ष प्रस्तुत किए गए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक से कोई सहमत हो या असहमत, पर इसके महत्त्च से इनकार नहीं किया जा सकता। मौजूदा रूप या इससे काफी मिलते-जुलते रूप में यह विधेयक पारित हो गया तो आने वाले अनेक वर्षों तक इसका हमारी खाद्य और कृषि व्यवस्था पर बहुत व्यापक असर पड़ेगा। इसलिए इस विधेयक से संबंधित जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे...

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सरकारी स्कूलों में पैदा होते हैं नक्सलीः रविशंकर

जयपुरः सरकारी स्कूलों को नक्सल और हिंसा की फैक्ट्री बताने वाले श्रीश्री रविशंकर के बयान के बाद बवाल मच गया है. आज श्रीश्री रविशंकर की जुबान ऐसी फिसली कि देश के सभी सरकारी स्कूलों पर ही सवाल खड़े कर दिए. ना कोई प्रमाण, ना कोई सर्वे, कोई कहने वाला नहीं, तो सरकारी स्कूलों की व्यवस्था पर ही खड़े कर दिए सवाल. आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर के अनुसार सरकारी स्कूलों...

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गांव में लगी अदालत, पंच-सरपंच को दी अनोखी सजा

महासमुंद.मनरेगा में मनमानी करने पर गांव की अदालत ने मामा-भांचा के सरपंच घनश्याम साहू पर 5000 रुपए और इसमें सहयोग करने वाले 13 पंचों को नारियल और गुड़ से दंडित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मिसाल कायम किया है।    जानकारी के मुताबिक मामा-भांचा और डोंगरीपाली में 12 लाख की लागत के निर्माण कार्यो में सरपंच और पंचों ने अपने-अपने लोगों को लाभ पहुंचाया। इससे ग्रामीण खफा थे। ग्रामीणों ने सोमवार को गांव की अदालत...

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अन्न स्वराज- वंदना शिवा

भोजन का अधिकार जीने के अधिकार से जुड़ा हुआ है और संविधान का अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीने का अधिकार प्रदान करता है। इस लिहाज से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक स्वागतयोग्य है। पिछले दो दशकों में भारत में भूख एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। 1991 में जब आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू किए गए थे, तब प्रति व्यक्ति भोजन की खपत 178 किलोग्राम थी, जो 2003 में...

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