नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र परमाणु दायित्व विधेयक, सांसदों के वेतन भत्तों में वृद्धि संबंधी विधेयक, भोपाल गैस त्रासदी पर 26 साल बाद चर्चा आदि को लेकर काफी गहमागहमी भरा रहा। इस गहमागहमी में इस बात को अनदेखा कर दिया गया कि सांसदों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किए जाने के कारण सरकारी खजाने की करीब 45 करोड़ रुपये की राशि पर पानी फिर गया। महंगाई, किसानों पर फायरिंग, जाति...
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रोज कूड़े में जाता है 82 करोड़ रुपए का अनाज
नई दिल्ली. भारत में एक ओर रोज करोड़ों लोगों को भूखे सोना पड़ता है, जबकि दूसरी ओर हर दिन 82 करोड़ रुपये से भी ज्यादा मूल्य का अन्न बर्बाद हो जाता है। वह भी केवल इसलिए क्योंकि सरकार के पास यह अन्न रखने और एक जगह से दूसरी जगह लाने-ले जाने की पर्याप्त सुविधा नहीं है। केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री सुबोध कांत सहाय ने सोमवार को राज्य सभा में एक सवाल के...
More »तो हकीकत बनेगा लखटकिया ट्रैक्टर!
गोरखपुर [गिरीश पांडेय]। नैनो जैसा लखटकिया ट्रैक्टर? खेती-बारी से जुड़े तमाम लोगों के मन में यह सवाल उठता है। क्या लाख रुपये का ट्रैक्टर किसानों को मिल सकता है? मिलेगा तो कैसे? इसकी उपयोगिता और क्षमता क्या होगी? ट्रैक्टर निर्माताओं के डीलरों से मिल रहे फीड बैक के मुताबिक ऐसा संभव है। कुछ कंपनियां तो सस्ते ट्रैक्टर के निर्माण के क्षेत्र में पहल भी कर चुकी हैं। मसलन हाल ही...
More »खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए व्यापक नीति की जरुरत
नई दिल्ली। उद्योग जगत का कहना है कि देश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में आने वाले समय में 40 प्रतिशत की धमाकेदार वृद्धि संभावनाओं के बावजूद क्षेत्र में व्यापक राष्ट्रीय नीति और उपयुक्त ढांचागत सुविधाओं सहित कई तरह की चुनौतियां खडी हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल [फिक्की] द्वारा इस संबंध में किए गए एक सर्वेक्षण में विभिन्न पक्षों ने 15 तरह की चुनौतियां गिनाई हैं जिनका खाद्य प्रसंस्करण उद्योग...
More »बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 2
सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80 हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...
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