SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1033

कोबरापोस्ट का खुलासा, वॉलमार्ट कर रही FDI नियमों का उल्लंघन

नई दिल्ली। भारत सरकार की एफडीआई गाइडलाइंस के तहत कोई भी होलसेल का कारोबार करने वाली कंपनियां सीधे तौर पर अपना माल उपभोक्ता को नहीं बेच सकती। इन कंपनियों को बिजनेस टू बिजनेस फॉर्मूले के तहत भारत सरकार ने 100% एफडीआई की अनुमति दी है। मतलब ये कंपनिया अपना माल ऐसे कारोबारियों को बेच सकती हैं, जो इसे आगे कंज्यूमर तक बेच सके। खुद उपभोक्ता इन कंपनियों से सीधे तौर पर...

More »

हमने क्या खोया और क्या पाया? - दे‍विंदर शर्मा

चंद हफ्तों पहले की ही बात है। जैसे ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणाम सामने आए, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने महत्व की चेतना से भर गए थे। उन्हें लगता था कि नई सरकार में वे अहम भूमिका निभाएंगे और शायद उन्हें गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद भी मिल जाए। तभी राकांपा ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा कर दी और शिवसेना का गणित बिगड़ गया।...

More »

विदेशी फसल टाऊ को अपना लिया सरगुजिहा किसानों ने

अंबिकापुर(निप्र)। छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में विदेशी फसल टाऊ को अब न सिर्फ तिब्बती बल्कि स्थानीय किसानों ने अपना लिया है। स्थानीय किसानों ने इस बार लगभगर 10 हजार हेक्टेयर में टाऊ की फसल ली है। पूरा मैनपाट टाऊ की फसल से लहलहा उठा है। प्राकृतिक रूप से सुंदर मैनपाट में टाऊ के फूल सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। सैलानियों के लिए जरूर...

More »

‘मेड बाय इंडियंस’ की हो पहल- डा. भरत झुनझुनवाला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर विदेशी निवेशकों का आह्वान किया था कि वे भारत में आकर माल का उत्पादन करें. इस आह्वान से मैं असमंजस में था. ऐसा लगा कि वे यूपीए3 सरकार के मुखिया के रूप में बोल रहे थे. अब भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव ने स्पष्ट किया है कि अर्थव्यवस्था से विदेशी निवेशकों को बाहर नहीं रखा जायेगा, परंतु मुख्य इंजन विदेशी निवेश नहीं...

More »

विदेश से ज्यादा देश में ही है काला धन- मोहन गुरुस्वामी

काला धन, दरअसल, हर वह आय है, जिस पर राज्य को किसी तरह का कर (टैक्स) नहीं दिया जाये. यह आय वैध तरीकों से हो सकती है या फिर अवैध तरीकों से, जैसे स्मगलिंग, भ्रष्टाचार और ड्रग्स के जरिये. सालाना कितना काला धन पैदा होता है, इसका आंकड़ा हर साल अलग-अलग होता है. हालांकि, एक बहुप्रसारित, पर कथित तौर पर गोपनीय अध्ययन (जो नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक फायनांस एंड पॉलिसी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close