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किसी भी कीमत पर एफडीआई स्वीकार नहीं

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी आज इस चेतावनी के साथ सडकों पर उतरीं कि अगर संप्रग सरकार खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), डीजल की कीमतों में वृद्धि और सस्ते एलपीजी की संख्या सीमित करने के फैसले को वापस नहीं लेती है तो उनकी पार्टी 72 घंटे की निर्धारित समय सीमा के समाप्त होने के बाद कठोर फैसले करेगी. बनर्जी ने रैली में कहा, ‘‘हमने इन मुद्दों पर...

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सपा, जेडीयू भी रीटेल में विदेशी निवेश के खिलाफ

खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के प्रस्ताव का विरोध करनेवालों में यूपीए की सहयोगी समाजवादी पार्टी भी शामिल हो गई है. इससे पहले वामपंथी पार्टियाँ और जनता दल (सेकुलर) जैसी पार्टियाँ सरकार से माँग करती रही हैं कि वो बिना व्यापक सहमति के इस विवादास्पद प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़े. इससे जुड़ी ख़बरें समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव, सीपीएम महासचिव प्रकाश कारत, सीपीआई महासचिव एस सुधाकर रेड्डी, फ़ॉरवर्ड ब्लॉक नेता देबब्रत बिस्वास,...

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महंगाई रोकने के लिए बनेगा कानून

कोलकाताः राज्य सरकार सब्जियों जैसी जरूरी चीजों के बढ़ते दाम पर नियंत्रण के लिए नया प्रभावी कानून बनाने पर विचार कर रही है. बेतहाशा मूल्यवृद्धि रोकने के लिए मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव गौतम सान्याल की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. पुलिस व इंफोर्समेंट ब्रांच (प्रवर्तन शाखा) को दलालों पर निगरानी रखने व उनकी धरपकड़ का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री ने खाद्य मंत्री अरूप राय, बंगाल और कोलकाता...

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भोजन बर्बाद करने की इज्जत- अरुण कुमार त्रिपाठी

जनसत्ता 2 जुलाई, 2012: भोजन की बरबादी को सामाजिक प्रतिष्ठा माना गया है। उत्तर भारत की एक कहानी इस पाखंड को बखूबी बयान करती है। पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जब भी किसी और के घर आयसु (न्योता) खाने जाओ तो थोड़ा-बहुत भोजन छोड़ दिया करो। बेटे ने पूछा, पिताजी ऐसा क्यों? पिता ने समझाया कि बेटा, वह इज्जत है। आयसु खाते समय बेटे को पिता की हिदायत भूल...

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भूमंडलीकरण का शब्दजाल- सुनील

साहित्य में कबीर की उलटबांसियां प्रसिद्ध हैं। गहरे से गहरे दार्शनिक रहस्यों को बताने के लिए कबीर जीवन के कुछ ऐसे विरोधाभासों का सहारा लेते हैं, जिनमें ऊपर से कुछ और दिखाई देता है, किंतु अंदर कुछ और होता है। वैश्वीकरण के साथ ही दुनिया में एक नई शब्दावली आई है, जो कुछ-कुछ उलटबांसियां जैसी ही हैं। जैसे वैश्वीकरण, भूमंडलीकरण, जगतीकरण या जागतिकीकरण को ही लें, जो ग्लोबलाइजेशन के विविध...

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