सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। देश की खाद्य सुरक्षा के दबाव में भारत का कृषि क्षेत्र कार्बन उत्सर्जन घटाने की हालत में नहीं है। सबके लिए भोजन मुहैया कराना फिलहाल प्राथमिकता है। हालांकि उत्सर्जन को कम करने के लिए जैविक खेती और भूमि प्रबंधन, जल संरक्षण व नाइट्रोजन का उपयोग कम करने की जरूरत है। पशुओं के बगैर जैविक खेती संभव नहीं है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचने के...
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पर्यावरण के सरोकारों पर एक किताब की गहरी नजर
अगर पर्यावरण के नुकसान को लेकर आपको चिंता होती है लेकिन साथ में आप इस मसले पर मौजूद अध्ययन सामग्री को बोझिल और नीरस जान पढ़ने से बचते हैं तो फिर आपके लिए एक अच्छी खबर है. हाल ही में जीन कंपेन की तरफ से एक किताब कोपिंग विद् क्लाईमेट चेंज नाम से प्रकाशित हुई है और पर्यावरणविद्, नागरिक संगठन से जुड़े कार्यकर्ता, नौकरशाह तथा शोधकर्ताओं के बीच समान...
More »तेंदूपत्ता मिले खास कचरे से खेती कर रहे राजस्थान के किसान
हरिओम गौड, श्योपुर(मध्यप्रदेश)। श्योपुर व आसपास के गांवों के लोग जिस कचरे को घूरे पर फेंक देते हैं, उसी कचरे से राजस्थान के किसान रेगिस्तान में खेती कर रहे हैं। तेंदूपत्ता मिले खास किस्म के इस कचरे को राजस्थान के किसान चंबल व बनास नदी के किनारे रेत के ऊपर बिछाकर कृत्रिम खेत बनाते हैं। इन खेतों में गर्मी के सीजन में खरबूजा, ककड़ी के अलावा कई तरह की मौसमी सब्जियों...
More »कचरा प्रबंधन से ही स्वच्छ होगा भारत
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। झाड़ू उठाने भर से नहीं बल्कि कचरे को ठिकाने लगाने से स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सकेगा। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से रोजाना निकलने वाले लाखों टन कूड़े का उचित प्रबंधन न होने से कई तरह की मुश्किलें पैदा हो गई हैं। खुले में शौच बंद करने के पुख्ता उपाय और घरों से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण प्रशासन के लिए कठिन चुनौती बन...
More »छत्तीसगढ़ में धान की 257 देशी किस्मों का अनूठा संग्रह
रायपुर(छत्तीसगढ़)। धान की ज्यादा पैदावारी की होड़ में एक ओर किसान अब उन्नत और हाइब्रिड किस्म को अपना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर किसानों की एक समिति ने देशी धान की किस्मों को सहेजने की अनूठी मिसाल पेश की है। ये किसान धुर नक्सल और आदिवासी अंचल कोंडागांव जिले के छोटे से गांव गोलाबण्ड के हैं, जिन्होंने धान की 257 देशी किस्मों को स्थानीय तरीके से सहेजा है। इसमें काटा मेहर,...
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