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उर्जा वन में नहीं अंकुरित हुए बीज, एक पौधा भी नहीं उगा, लाखों की राशि हुई बेकार

बैतूल। जंगलों के आसपास रहने वाले लोगों को जलाऊ लकड़ी मुहैया कराए जाने के लिए उर्जावन तैयार करने के नाम पर जिले में सरकारी राशि को पलीता लगाने का मामला सामने आया है। जिले के पश्चिम वन मंडल के अंतर्गत आने वाली 5 रेंजों में वन विभाग ने 28 उर्जावनों में विभिन्न प्रजातियों के पेड़ तैयार करने के लिए बीज खरीदकर बुवाई की थी लेकिन बमुश्किल आधा दर्जन स्थानों को...

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पर्याप्त सरकारी मदद के जरिये ही पहुंच सकती हैं सभी तक स्वास्थ्य सेवाएं

भारत के विशाल और विविध भू-भागों में रहने वाली आबादी तक समुचित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती रही है. इसमें बड़ी कमी सरकारों की रही है, जो अपने कुल बजट का महज एक फीसदी तक हिस्सा ही सार्वजनिक स्वास्थ्य मद में खर्च करती रही है. स्वास्थ्य क्षेत्र के समूच परिदृश्य समेत इससे संबंधित अन्य पहलुओं को इंगित कर रहा है आज का वर्षारंभ ... अनंत कुमार एसोसिएट प्रोफेसर,...

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छत्तीसगढ़- तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य सुविधाएं, पर चुनौतियां हजार

प्रशांत गुप्ता, रायपुर। प्रदेश में तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच चुनौतियां भी हर रास्ते पर खड़ी हैं। चुनौती है नक्सल प्रभावित, दूरस्थ अंचलों तक चिकित्सकों को पहुंचाने की, ताकि खाट पर मरीजों को लेकर कई किलोमीटर तक ग्रामीणों को पैदल न चलना पड़े। चुनौती है, कुपोषण को जंग में परास्त करने की। चुनौती है, मातृ और शिशु मृत्युदर को शून्य तक पहुंचने की। चुनौती है, हर बीमारी का इलाज...

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स्वास्थ्य सेवा का सस्ता और कारगर विकल्प हो सकता है 'एमहेल्थ' -- नई रिपोर्ट

देश के स्वास्थ्य ढांचे का 70 फीसद हिस्सा सिर्फ 20 शहरों तक सीमित है. ऐसे में अचरज की बात नहीं जो 30 फीसद भारतीय प्राथमिक स्तर की भी चिकित्सा सुविधा से वंचित है. तो फिर सबको स्वास्थ्य सुविधा फराहम करने का लक्ष्य कैसे हासिल हो ?   कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री(सीआईआई) द्वारा जारी एक नीति-पत्र के मुताबिक इस समस्या का समाधान हो सकता है हमारे-आपके हाथ में मौजूद मोबाइल फोन. (देखें नीचे...

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पीडब्ल्यूसी और सीआईआई की रिपोर्ट- भारत में 70 फीसदी स्वास्थ्य सेवाएं शीर्ष 20 शहरों तक हैं सीमित

भारत की 70 फीसदी स्वास्थ्य सेवाओं का बुनियादी ढांचा शीर्ष 20 शहरों तक ही सीमित है। इसके अलावा 30 फीसदी भारतीय हर साल स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च की वजह से गरीबी रेखा की जद में आ जाते हैं। पीडब्ल्यूसी और सीआईआई द्वारा संयुक्त रूप से जारी किए गए ‘कैसे एमहेल्थ भारतीय स्वास्थ्य सेवा उद्योग में क्रांतिकारी परिवर्तन कर सकता हैं', नामक ज्ञान पत्र के मुताबिक, भारत में 30 फीसदी लोग...

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