बात खादी-परंपरा से जुड़ी राजनीति की ही नहीं। हर दल की विश्वसनीयता ने क्षति देखी है। डॉ. लोहिया को कौन समाजवादी आज याद नहीं करता? अटलजी की आवाज सुनने आज कौन भाजपा समर्थक आतुर नहीं? एमना पागे लाग, गोपू (इनको प्रणाम कर, गोपू।) घर में जब कोई बुजुर्ग तशरीफ लाते तो पिताजी मुझे गुजराती में यह हिदायत देते। हिदायत क्या, आदेश ही समझिए। वह आदेश बहुत सुहावना होता था, क्यूंकि...
More »SEARCH RESULT
एक अनूठा सत्याग्रह- गिरिराज किशोर
जनसत्ता, 10 दिसंबर,2011: कुछ घटनाएं महत्त्वपूर्ण होती हैं, पर सरकार और कई बार समाज भी उनका उतना संज्ञान नहीं लेता जितना लिया जाना चाहिए। अगर किसी घटना को नजरअंदाज करने से काम चल सकता है तो लोग सोचते हैं कि चला लेना ज्यादा सुविधाजनक है। भले ही देश या समाज को कितना भी आघात क्यों न पहुंचे। मणिपुर हमारे देश के पूर्वोत्तर का महत्त्वपूर्ण प्रदेश है। जब मैं वहां गया...
More »छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी
जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....
More »आत्मसम्मान का मजबूत होता जज्बा-- योगेन्द्र यादव
-सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन द्वारा देश की राजधानी में आयोजित सम्मेलन अपने आप में एक ऐतिहासिक घड़ी थी. -सदियों से मैला उठाने वाला समाज अब टोकरी नहीं आवाज उठाना चाहता है, हाथ में झाड़ू नहीं किताब लेना चाहता है. -सरकार के झूठे वादों पर उम्मीद बांधने की बजाय अब इस समाज ने खुद मैलाप्रथा को खत्म करने की ठान ली है. आज भी कई लाख लोग अपने सर पर मैला उठाने को अभिशप्त हैं....
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »