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सोच बदलने से बढ़ेगी साक्षरता- वरुण गांधी

वर्ष 2014 में देश में तीस करोड़ से ज्यादा बच्चे 6-17 के आयुवर्ग के थे। देश में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की संख्या क्रमशः 1,191,719 और 233,845 हैं, जबकि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में हमारा सकल पंजीकरण अनुपात क्रमशः 73.6 और 49.1 है। उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में तो यह अनुपात महज 21.1 फीसदी है। वहीं प्राथमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में हमारा शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात क्रमशः 28 और 40...

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उत्तराखंडः यहां महिलाएं 2011 से चला रहीं 'जनधन योजना'

2014 में सत्ता में आने के बाद से पीएम मोदी जनधन योजना को बढ़ावा दे रहे हैं। लेकिन उत्तराखंड के पहाड़ की महिलाओं ने 'जनधन योजना' की शुरूआत 2011 में कर दी थी। उत्तरकाशी जिले में सैणी नाकुरी की अहिल्या एवं सुनीता, उत्तरों की सत्यभामा, सुनीता, चीवां की राधिका, डिडसारी की सरस्वती, लौंथरू की पूर्णा देवी और कई नाम हैं जिन्होंने अपनी असाधारण प्रबंध क्षमता का परिचय दिया है। हर माह 20...

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ग्रामोद्योग की फिक्र किसे है- अरुण तिवारी

निवेश और उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न शुल्क और मंजूरियों में छूट से लेकर तकनीकी उन्नयन और इ-बिज पोर्टल जैसी तमाम घोषणाएं बजट में है। मंजूरियों में छूट को लेकर एक विधेयक लाने की तैयारी का संकेत भी कर दिया गया है। कहना न होगा कि वित्तमंत्री ने उद्योगों की तो खूब चिंता की, परग्रामोद्योगों को अब भी प्रतीक्षा है कि कोई आए और अलग से उनकी चिंता...

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स्‍पेक्‍ट्रम नीलामी से सरकार को मि‍लेंगे 1.08 लाख करोड़, ग्राहकों को पड़ेगा भारी

नई दि‍ल्‍ली। टेलीकॉम स्‍पेक्‍ट्रम नीलामी के लि‍ए सरकार के पास 1.08 लाख करोड़ रुपए की बोलि‍यां मि‍ली हैं। नीलामी के 13वें दि‍न तक देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनि‍यों ने बोलि‍यां लगाई हैं। स्‍पेक्‍ट्रम नीलामी से सरकार की करोड़ों की कमाई होगी लेकि‍न यह ग्राहकों को महंगी कॉल रेट और इंटरनेट डाटा का झटका भी दे सकता है। यह 2जी और 3जी बैंड के स्पैक्ट्रम की सबसे बड़ी बिक्री है। दूरसंचार...

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उदारीकरण में पिसती ग्रामीण अर्थव्यवस्था- सुषमा वर्मा

विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में रहस्योद्घाटन किया है कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले 15 बरस में बढ़कर 12 गुना हो गई है। गौरतलब है कि यह वही दौर है जब भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुए चंद साल ही हुए थे। उदारीकरण के दो दशक बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच का फासला लगातार बढ़ता ही नहीं जा रहा बल्कि...

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