जनसत्ता 19 फरवरी, 2014 : गुजरात का विकास चर्चा का विषय बना दिया गया है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि अन्य राज्यों के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे देश के लिए भी एक बेहतरीन अनुकरणीय मॉडल गुजरात ने प्रस्तुत किया है। उस मॉडल को देशव्यापी बनाने का सपना जोर-शोर से लोगों को दिखाया जा रहा है। विकास, सुशासन, समृद्धि, रोजगार सृजन जैसे शब्द तेजी से हवा में उछाले...
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हर थाली में होगा दाल-चावल, ऐसा हुआ कमाल!
अच्छे मानसून और कई फसलों का रकबा बढ़ने से इस साल रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन के आसार हैं। कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2013-14 में कृषि पैदावार के दूसरे अग्रिम अनुमान जारी किए हैं। इन अनुमानों के मुताबिक, इस साल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 26.32 करोड़ टन तक पहुंचेगा, जो न सिर्फ 25.90 करोड़ टन के लक्ष्य से अधिक है, बल्कि पिछले साल के उत्पादन से भी करीब 61 लाख टन ज्यादा है। बंपर...
More »मोटहन की खेती पर नकदी फसलों का ग्रहण
पोषक-तत्वों से भरपूर और वर्षा-सिंचित इलाकों में ऊपज के लिए अनुकूल रागी, ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो, चीना और कुटकी जैसे मोटहन के उत्पादन में भारत का स्थान दुनिया में अव्वल है लेकिन इन फसलों का उत्पादन-क्षेत्र 1961 से 2012 के बीच घटता गया है। हाल ही में जारी नेशनल अकेडमी ऑव एग्रीकल्चरल साइसेंज के नीति-पत्र रोल ऑव मिलेटस् इन न्यूट्रिशनल सिक्युरिटी ऑव इंडिया के अनुसार साल 1955-56 में मोटहन की खेती...
More »एमपी में बंपर गेहूं पैदावार के आसार
सर्दी और पानी के कारण रबी फसलों को फायदा मध्य प्रदेश में खरीफ सीजन के दौरान हुई बारिश के कारण खेतों में मौजूद नमी और वर्तमान में प्रदेश के एक बड़े हिस्से में मावठ की बारिश के कारण फसलों को फायदा होता दिखाई दे रहा है। कृषि विशेषज्ञों और कृषि विभाग के मुताबिक वर्तमान में चल रहा मौसम खासतौर पर गेहूं के...
More »गन्ने की कड़वाहट- अरविन्द कुमार सेन
जनसत्ता 30 नवंबर, 2013 : सियासत का हद से ज्यादा हस्तक्षेप किस तरह एक संगठित उद्योग को तबाही के कगार पर ला खड़ा करता है, गन्ना उद्योग इसकी मिसाल है। कुछ समय पहले सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस चुके मुजफ्फरनगर-शामली इलाके के लोगों को अब गन्ने के दाम की फिक्र सता रही है। आमतौर पर उत्तर प्रदेश में सरकार अगस्त-सितंबर में मिल मालिकों और किसानों से बातचीत करके आरक्षी क्षेत्र...
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