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राष्ट्रीय शिक्षा वित्त निगम बनेगा हकीकत

नई दिल्ली। धनाभाव के कारण उच्च शिक्षा से वंचित मेधावी छात्रों की समस्याओं को दूर करने के लिए 'राष्ट्रीय शिक्षा वित्त निगम' की स्थापना के प्रस्ताव को योजना आयोग का सहयोग हासिल हो गया है और अब इस विषय पर वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा की जानी है। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए सस्ती ऋण सुविधा प्रदान करने के संबंध में 'राष्ट्रीय शिक्षा...

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मनरेगा अब पाठ्यक्रम में भी

नारायण बारेठ बीबीसी संवाददाता, जयपुर दुनिया में सबसे बड़ी रोज़गार योजनाओं में अपनी जगह बना चुकी भारत की 'महा-नरेगा' योजना ने अब एक विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में भी अपना स्थान बना लिया है. राजस्थान में कोटा स्थित वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय ने नरेगा के लिए 'महात्मा गाँधी मेट प्रमाणपत्र' कोर्स शुरू किया है. इसके तहत ऐसे सहयोगी बनाए जाएंगे जो नरेगा के तहत चलने वाली विभिन्न योजनाओं की निगरानी करने लायक़ बनेंगे, रेजिस्टर में...

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गरीबी के कारण छोड़ देते हैं 21 फीसदी बच्चे पढ़ाई

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। तमाम दावों व वादों के प्रचार-प्रसार से देश में पढ़ाई-लिखाई की तस्वीर भले ही आकर्षक लगने लगी हो, लेकिन जमीनी हकीकत ज्यादा नहीं बदली है। आलम यह है कि सरकार चाहकर भी सभी बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करने में नाकाम रही है। तमाम दावों के बीच देश के 21 प्रतिशत बच्चों के बीच में पढ़ाई छोड़ देने की मुख्य वजह अब भी उनकी गरीबी है। देश में पढ़ाई...

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साक्षरता बढ़ाने का दायित्व उठाएंगे पीएसयू

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश से निरक्षरता मिटाने में नाकाम रही सरकार को साक्षरता बढ़ाने के लिए अब सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों [पीएसयू] का सहारा मिल गया है। उपक्रमों ने कारपोरेट सामाजिक दायित्व [सीएसआर] के तहत पढ़ाई-लिखाई में न सिर्फ आगे बढ़कर पहल की बात कही है, बल्कि इसके लिए सरकार को तीन महीने के भीतर एक कार्यक्रम भी बनाकर देने का भरोसा दिया है। स्कोप की पहल पर बुधवार को यहां सरकारी कंपनियों के...

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पढऩे की इच्छा, काम की मजबूरी

हाथ में कापी, पुस्तक, पेन, कलम की जगह बच्चों को बोझ उठाना पड़ रहा है। गरीब घर के बच्चे बचपन से ही घर खर्च में माता-पिता की मदद करने पढ़ाई छोड़कर कार्य करने मजबूर हैं। शासन ने बालश्रम कानून बनाया है जिसमें १४ वर्ष से कम उम्र के बच्चे मजदूरी नहीं कर सकते, लेकिन परिवार की आर्थिक पेरशानी को देखकर पेट पालने के उद्देश्य से आज छोटे-छोटे बच्चे भी मजदूरी कर रहे हैं। गरीब...

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