कहते हैं कि सब कुछ टूट जाये तो कुछ नहीं होता, लेकिन अगर आपके सपने टूट गये, तो आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है. इसलिए सपने देखना बहुत जरूरी है. अपना देश, अपनी जमीन, अपने लोग, अपनी भाषा, अपना माहौल हमारे जीवन में विशेष महत्त्व रखते हैं. लोग अपने भविष्य को लेकर हसीन सपने बुनते हैं और उनको हासिल करने के लिए कोशिश भी करते हैं. लेकिन, क्या आपने...
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खेती में घाटा, कर्ज से परेशान किसान ने की आत्महत्या
जयपुर। राजस्थान के बारा जिले के किशनगंज में एक किसान ने कर्ज से परेशान हो कर आत्महत्या कर ली। किसान गांव के बाहर खेत में फंदा लगाकर झूल गया। सकरावदा गांव इस किसान का नाम संजय हैं। परिजनों के अनुसार वह खेती में हुए घाटे के बाद वह खास परेशान था। उस पर तीन लाख का कर्ज था और वह अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़ाना चाहता था, लेकिन बैंक ने इससे मना...
More »सुलगते दार्जिलिंग की राजनीति-- हरिराम पांडेय
पर्यटन के लिए विख्यात दार्जिलिंग में चार दशक पुराना गोरखा आंदोलन फिर से भड़क उठा है। भाषा के नाम पर एक पखवाड़े से चल रहा यह आंदोलन दबने का नाम नहीं ले रहा। दबाने के सरकारी प्रयास आग में घी का काम कर रहे हैं। इस इलाके की सबसे बड़ी पार्टी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा नेपाली भाषियों के लिए अलग राज्य की मांग कर रही है। इस आंदोलन से उत्तर बंगाल...
More »बागबाहरा में कर्ज से परेशान आदिवासी किसान ने लगाई फांसी
महासमुंद। महासमुंद जिला मुख्यालय से 53 किमी दूर बागबाहरा ब्लॉक के मोखा में किसान मंथिर सिंह ध्रुव ने गुरुवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन इसकी वजह 5-6 लाख रुपए के कर्ज को बता रहे हैं, जबकि तहसीलदार इस बात से इनकार कर रहे हैं। पखवाड़ेभर में प्रदेश में किसान की खुदकुशी का यह तीसरा मामला है। इससे पहले राजनांदगांव, कवर्धा और दुर्ग जिले में 3 किसानों ने खुदकुशी...
More »जनसंख्या नियंत्रण की चुनौती-- बालमुकुंद ओझा
आज विश्व की जनसंख्या सात अरब से ज्यादा है। अकेले भारत की जनसंख्या सवा अरब से अधिक है। भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। आजादी के समय भारत की जनसंख्या तैंतीस करोड़ थी, जो आज चार गुना तक बढ़ गई है। परिवार नियोजन के कमजोर तरीकों, अशिक्षा, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के अभाव, अंधविश्वास और विकासात्मक असंतुलन के चलते आबादी तेजी से बढ़ी है। संभावना है...
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