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भारत में जेंडर गैप- अभी मीलों आगे जाना है..

वैश्विक लैंगिक असमानता को अगर एक पैमाने पर बैठाकर देखें तो उसमें भारत की कहानी कुछ मामलों में चमकदार मगर ज्यादातर मामलों में बदरंग नजर आएगी। पहले चमकदार पहलू को लें। साल १९९३ में संविधान का ७३ वां(पंचायत) संशोधन पारित हुआ और इस संविधान संशोधन से तृणमूल स्तर की दस लाख महिलाएं आनन फानन में राजनीतित मशीनरी का हिस्सा बन गईं। कहानी का एक चमकदार पहलू जुड़ता है नेतृत्व के...

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हरी वादियों का चितेरा

अस्सी के दशक की शुरुआत से ही एक अकेले व्यक्ति के शांत प्रयासों ने ऐसे ग्रामीण आंदोलन की नींव रखी जिसने उत्तराखंड की बंजर पहाड़ियों को फिर से हराभरा कर दिया। सच्चिदानंद भारती की असाधारण उपलब्धियों को सामने लाने का प्रयास किया संजय दुबे ने। (तहलका-हिन्दी से साभार) शायद ही कुछ ऐसा हो जो संच्चिदानंद भारती को उफरें खाल के बाकी ग्रामीणों से अलग करता हो। ये तो जब वो...

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74 मॉडल स्कूल खुलेंगे, सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में

रायपुर। छत्तीसगढ़ में केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर 74 माडल स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इनमें से सबसे ज्यादा माडल स्कूल राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में खोले जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े 74 विकासखण्डों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए केन्द्रीय विद्यालयों की तर्ज पर मॉडल स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन...

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किताबों में सूबे को आठ करोड़ की बचत

देहरादून। प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में छात्रसंख्या के फर्जीवाड़े, शिक्षकों की गैर हाजिरी पर लगाम कसने की कसरत ने सूबे को बचत के गुर भी सिखा दिए। कक्षा एक से आठवीं तक मुफ्त किताबों में सरकार को करीब आठ करोड़ की बचत हो गई। महकमे ने इस बार पेपर मिलों से कागज खुद खरीदकर प्रकाशकों को मुहैया कराए। प्राइमरी शिक्षा में शैक्षिक नियोजन की मुहिम में प्रशासनिक ही नहीं आर्थिक मोर्चे पर भी...

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हाले-सितम बयान किए और रो पड़े

सिलीगुड़ी [कार्यालय संवाददाता]। बात उन बच्चों की है, जो चाय बागानों से प्रधान नगर स्थित स्कूलों में लाए जा रहे। कई किलोमीटर का सफर और सवारी ट्रैक्टर से लगी डिब्बानुमा जालीदार ट्राली। यानि कि 'जेलगाड़ी'। इस आलम में मासूम बिलबिला रहे। ट्राली के भीतर न बैठने के लिए सीट है, न पकड़ने के लिए हत्था। एक-दूसरे से धक्के खाते बच्चे भीतर गिरते-पड़ते स्कूल पहुंचते हैं। तब तक उनकी हालत मरियल हो चुकी होती है। जाली...

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