कोडरमा शहर व मुख्य पथ से महज छह किलोमीटर हट कर है छतरबर का इलाका. इस घनी बस्ती से सट कर शुरू होता है जंगली क्षेत्र. झाड़ियोंवाले इस जंगल में थोड़ी दूर जाने पर ही सड़क के किनारे सुरंगें दिखनी शुरू हो जाती हैं. इन सुरंगों से जमीन के अंदर घुस ढीबरा (अबरख का स्क्रैप) चुनते हैं गांववाले. झाड़ियों के बीच स्थित पगडंडी पर तीर का लाल (रात में...
More »SEARCH RESULT
नीलगाय मुद्दे पर आमने-सामने आए मोदी सरकार के दो ताकतवर मंत्री
जदयू ने नीलगायों को मारने के मामले में केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी पर अनावश्यक विवाद पैदा करने का आरोप लगाते हुए इसकी आलोचना की और बिहार के किसानों के हित में इस पशु को मारे जाने के कदम का समर्थन किया। जदयू प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य नीरज कुमार ने कहा, मेनका गांधी नीलगायों को मारने के मामले में अनावश्यक विवाद पैदा कर रही हैं। अगर...
More »हिमाचल में बंदर हिंसक जानवर घोषित, उन्हें मारने की इजाजत
पर्यावरण मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश में रीसस मकाक बंदरों को एक साल के लिए हिंसक जानवर घोषित किया है और इस अवधि में उनकी संख्या नियंत्रित करने के लिए उन्हें मारने की अनुमति होगी। पिछले महीने जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश ने इलाके में जंगल से बाहर इस प्रजाति द्वारा बड़े पैमाने पर कृषि को नष्ट करने समेत जानमाल को भारी नुकसान पहुंचाने की खबर दी...
More »हकीकत में नहीं, कागजों में बढ़ रहे हैं जंगल
जंगलों के मामले में पूरे देश में झारखंड का 10वां स्थान आता है. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआइ) के आंकड़े भी बताते हैं कि राज्य में जंगल बढ़ रहा है. सेटलाइट सर्वे के माध्यम से किये गये सर्वेक्षण में इसे बढ़ा हुआ बताया जा रहा है, जबकि हकीकत कुछ और बयां करते हैं. वन विभाग के अधिकारियों का इस बारे में अलग-अलग मत है. कई अधिकारियों ने सर्वे के...
More »सूखी वनस्पतियों का निस्तारण-- भरत झुनझुनवाला
उत्तराखंड के जंगलों में आग का तांडव जारी है. छिटपुट वर्षा से कुछ दिनों के लिए आग बुझ जाती है, परंतु फिर जंगल जलने लगते हैं. मूल समस्या सूखी पत्तियों एवं टहनियों के निस्तारण की है. पेड़ों की पत्तियां और घास जमीन पर जमा हो जाती हैं. ऊपरी क्षेत्रों में वर्षा होती रहती है या ठंड के कारण ये पदार्थ सूखते नहीं हैं. इनकी मोटी परत जमी रहती है और...
More »