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भारत में विकसित नयी वैक्सीन की दुनियाभर में सराहना..

रोटावायरस डायरिया भारत सहित कई देशों में नवजात शिशुओं और बच्चों की मौत का एक प्रमुख कारण है. भारत में हर साल करीब नौ लाख बच्चों को इसके कारण अस्पतालों में भर्ती करना पड़ता है, जिनमें से 80 हजार से एक लाख बच्चों की मृत्यु हो जाती है. लेकिन, इससे बचाव की विदेशी दवाएं इतनी महंगी थीं कि हर किसी के लिए उसका सेवन करना आसान न था....

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पांच तरीके से दसवीं-बारहवीं की परीक्षा, फीस में भारी अंतर

रायपुर,राज्य में छात्र-छात्राओं के लिए दसवीं-बारहवीं परीक्षा पास करने के लिए पांच तरीके से परीक्षा आयोजित की जा रही है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल अकेले तीन तरह की परीक्षा आयोजित करता है। इसमें नियमित परीक्षार्थी, स्वाध्यायी परीक्षा और पत्राचार परीक्षा है। तीनों परीक्षाओं के लिए प्रश्न पत्र एक जैसे हैं, लेकिन अलग-अलग फीस ली जा रही है। वहीं राज्य ओपन स्कूल और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) की परीक्षा लेने...

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गुमला: 23 बच्चों को नक्सलियों के गढ़ से निकाला

गुमला: जमटी गांव के इन बच्चों को भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सली नकुल यादव ने ग्रामीणाें से मांगा था, ताकि वह नक्सली बाल दस्ता बना सके. नक्सलियों द्वारा बच्चा मांगे जाने के बाद से परिजन दहशत में थे. नक्सली बच्चों को अपने साथ ले जाते, उससे पहले डीआइजी आरके धान व एसपी भीमसेन टुटी के नेतृत्व में पुलिस फोर्स गांव में घुसी और गांव के सभी बच्चों को अपने संरक्षण...

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घर में शौचालय नहीं, तो नहीं मिलेगी सरपंची

छत्तीसगढ़ की ग्राम पंचायतों में अब पांचवीं पास व्यक्ति ही पंच और आठवीं पास व्यक्ति ही सरपंच बन सकेंगे। इसके साथ ही पंच-सरपंच बनने के लिए उनके मकान में जलवाहित शौचालय होना भी जरूरी है। इसके लिए छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है। पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर ने सोमवार को इससे संबंधित छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) विधेयक 2016 विधानसभा में प्रस्तुत किया। संशोधन विधेयक के अनुसार पंच...

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कुम्हारबांधी: यहां 2016 में भी दिखती है 18वीं सदी जैसी गरीबी

सारठ बाजार. गरीबों के उत्थान की बातें अक्सर होती हैं, लेकिन इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखायी जाती है. यही कारण है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों का जीवन सिर्फ दो वक्त की रोटी कमाने के प्रयास में ही बीत जा रहा है. प्रखंड के कुम्हराबांधी गांव के हरिजन टोले का ग्रामीणों का जीवन सिर्फ दो वक्त की रोटी तक सिमट कर रह गयी है और वह रोटी भी...

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