बांबे हाई कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को अविलंब निलंबित करते हुए सलमान खान की जमानत अवधि पिछले दिनों बढ़ा दी। दुर्घटना के उस मामले में कुछ गरीब लोगों को न्याय पाने में लगभग तेरह साल लगे, जबकि एक अमीर और बिगड़ैल अभिनेता को जमानत हासिल करने में महज बहत्तर घंटे। सलमान लोगों की आंखों के तारे हैं, क्योंकि वह पर्दे पर ज्यादातर ऐसे आदमी की भूमिकाएं...
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इंसान के जमीर की आवाज का जागना - गोपालकृष्ण गांधी
जमीर क्या है? दिल-ओ-दिमाग से भी आगे, एक ऐसे कोने में सिकुड़कर बैठा हुआ एक खयाल, जो कि अकसर खामोश रहता है, आसपास के शोरगुल से कोई ताल्लुक ना रखते हुए, वो अपने खयालों में खोया-खोया रहता है। लेकिन कभी-कभी, वह यकायक उठ खड़ा होता है, अंगड़ाई लेता है और फिर ऐसे बोलता है कि उसकी आवाज को सुनना पड़ता है। किस जुबान में बोलता है जमीर? क्या जिस इंसान में उसका घर...
More »घाटे का सौदा नहीं है जीएसटी - सुषमा रामचंद्रन
स्टॉक मार्केट में उथलपुथल का माहौल है और विदेशी निवेशकों की अब मोदी सरकार से ये उम्मीदें टूटने लगी हैं कि वह भारत में बहुप्रतीक्षित आर्थिक सुधारों का पथ प्रशस्त कर पाएगी। पिछले साल नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से जिन विदेशी निवेशकों ने स्टॉक मार्केट में भरपूर पूंजी लगाना शुरू किया था, अब वे अपना पैसा वापस खींच रहे हैं। वे अतीत की तारीखों से लागू...
More »कनहर में दफन होती समाजवाद की थीसिस- अभिषेक श्रीवास्तव
इस साल अक्षय तृतीया पर जब देशभर में लगन चढ़ा हुआ था, बारातें निकल रही थीं और हिंदी अखबारों के स्थानीय संस्करण हीरे-जवाहरात के विज्ञापनों से पटे पड़े थे, तब बनारस से सटे सोनभद्र के दो गांवों में पहले से तय दो शादियां टल गईं. फौजदार (पुत्र केशवराम, निवासी भीसुर) के बेटे का 22 अप्रैल को तिलक था. शादी अगले हफ्ते होनी थी. पड़ोस के गांव में 24 अप्रैल को...
More »राजनीतिक बिसात पर आंबेडकर- कुमार प्रशांत
बिहार का आसन्न चुनाव कितने नये रंग बिखेर रहा है! एक नया परिवार ही जन्म लेने, न लेने के पसोपेश में पड़ा है, तो एक नया आंबेडकर भी पूजा के स्थान पर प्रतिष्ठित किया जा रहा है. यह कितना अजीब है कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जिन्होंने कभी भाग नहीं लिया; जो आजादी की लड़ाई में कभी जेल नहीं गये; आजादी की लड़ाई की जगह जिन्होंने वॉयसराय के दरबार की...
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