‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि यदि अधिकार, प्रतिनिधित्व, नामक मानव-निकाय को दे दिये जायें, तो वे चाहते हैं कि उनके अधिकारों को अन्य कोई व्यक्ति समुदाय के लाभ के लिए प्रयोग न करते हुए केवल अपने लाभ के लिए ही प्रयोग करेगा, यदि वे कर सकते हों.'-जेम्स मिल पांचवीं शताब्दी ईसवी पूर्व, प्राचीन एथेनियंस का अपने एक मात्र प्रजातंत्र के तहत एक मात्र सामाजिक रीति-रिवाज के साथ आविर्भाव हुआ. प्रत्येक...
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राजनीति के मैदान में काले धन का खेल-- सुधांशु रंजन
चुनाव प्रणाली और काले धन के रिश्ते इन दिनों फिर चर्चा में हैं। राजनीतिक दलों के लिए धन चंदे से आता है। लेकिन न तो चंदा देने वाला और न ही लेने वाला इसे सार्वजनिक करना चाहता है। यह गुपचुप कारोबार ही भारतीय राजनीति को कलुषित करता है। केंद्र सरकार ने राजनीतिक जगत में नकद के खेल को कम करने के लिए एक कदम उठाया है। अब जन प्रतिनिधित्व अधिनियम,...
More »मोदीजी की सुनें या अर्थशास्त्रियों की -- रविभूषण
विगत ढाई वर्ष में मोदी सरकार ने प्रचार पर 11 अरब से अधिक रुपये खर्च किये हैं. नोटबंदी के द्वारा भ्रष्टाचार और कालेधन की समाप्ति की जो बात की जा रही है, कैशलेस समाज और भारत बनाने पर जिस तरह बल दिया जा रहा है, उस पर स्थिरचित्त से विचार करना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि मोदी का कोई कार्यक्रम अकेला नहीं होता. एक स्ट्रोक से कई निशाने लगाने की ऐसी...
More »किराए की कोख और कानून-- सुधा सिंह
सरोगेसी विधेयक पर हर तरह की राय आ रही है। अन्य देशों का हवाला दिया जा रहा है जहां सरोगेसी पर पाबंदी है, विशेषकर यूरोपीय देशों का। मोटे तौर पर सरोगेसी दरअसल ऐसे दंपति को संतान का सुख देने का जरिया है जहां स्त्री किसी कारण से गर्भधारण नहीं कर सकती, लेकिन जिन्हें अपनी जैविक संतान, कुछ समान जिनेटिक गुणों के साथ, चाहिए। ऐसे में महिला का अंडा और...
More »शराबबंदी और केरल की कलाबाजी- एस श्रीनिवासन
केरल में शराब के शौकीन लोगों के लिए पिछला हफ्ता काफी घुमावदार रहा। गुरुवार को केरल स्टेट कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ने यह एलान किया कि वह शराब की ऑनलाइन बिक्री शुरू करेगा। जिनकी पहुंच इंटरनेट तक नहीं है, वे टेलीफोन पर बोतल का ऑर्डर कर सकेंगे। लेकिन अगले ही दिन इन शौकीनों की खुशी को ग्रहण भी लग गया, जब कोऑपरेटिव मंत्री एसी मोइदीन ने यह साफ किया कि सरकार...
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