रांची के नामकुम प्रखंड की हहाप पंचायत का घने जंगलों के बीच बसा बेड़ाडीह गांव के लोग पहाड़ी-पथरीली भूमि पर थोड़ी-बहुत खेती कर व कुछ वनोपज तैयार कर अपनी जीविका चलाते रहे हैं. अन्य वनोपज की तरह वे लाह का भी उत्पादन करते रहे हैं, लेकिन तकनीक व वैज्ञानिक सोच के अभाव में ग्रामीणों में इससे आर्थिक समृद्धि नहीं आयी. किसी तरह लोग अपना गुजर-बसर कर लेते थे. पर, नामकुम...
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जलवायु संकट के बादल- अतुल कुमार सिंह
जनसत्ता 26 अक्टुबर, 2012: भारत समेत दुनिया के सामने दो सबसे अहम समस्याएं भुखमरी और जलवायु संकट हैं। ये दोनों ऐसे मुद्दे हैं जिनसे न केवल मानवता के भविष्य बल्कि पूरे जीव-जगत और अंतत: दुनिया के अस्तित्व का प्रश्न जुड़ा हुआ है। विश्व भर में इन मुद्दों पर खासी चर्चा और चिंताएं भी हैं। लेकिन इनसे निपटने के लिए जो उपाय सामने आ रहे हैं उनमें न तो मुकम्मलपन दिखता है और...
More »विस्थापन का विकास- भारत डोगरा
हमारे देश में विकास के मौजूदा दौर में विस्थापन की समस्या बहुत विकट हो गई है। एक ओर पहले हुए विस्थापन से त्रस्त लोगों को अभी न्याय नहीं मिल पाया है, तो दूसरी ओर उससे भी बड़े पैमाने पर किसान और विशेषकर आदिवासी किसान नए सिरे से विस्थापित हो रहे हैं। हाल ही में जन सत्याग्रह संवाद के कार्यक्रम के अंतर्गत देश के लगभग साढ़े तीन सौ जिलों में भूमि संबंधी...
More »महिलाओं ने ठाना और संवार दी अपने परिवार की किस्मत
महासमुंद. महिलाएं अबला नहीं, अब सबला हो गई हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण बागबाहरा वनांचल के भलेसर पंचायत में देखने को मिल रहा है। पंचायत के आश्रिम ग्राम द्वारतरा की महिलाओं ने सरकारी मदद से सिलाई प्रशिक्षण का संचालन शुरू किया है। माडा पैकेज योजना से यहां की बीस महिलाओं को सिलाई मशीन का वितरण किया गया है। महिलाएं अब घर में ही रोजी कमाने में सक्षम हो गई हैं। योजना से लाभांन्वित मनोरमा...
More »क्यों बढ़ रहा है जल-संकट? -- बाबा मायाराम
पिछले कुछ सालों में मध्यप्रदेष समेत देष भर में पानी का संकट बढ़ा है। यह समस्या प्रकृति से ज्यादा मानव-निर्मित है। वर्षा की कमी के साथ, वनों की अवैध कटाई, पुराने तालाबों पर अतिक्रमण, गाद भरने से सरोवरों की भंडारण क्षमता में कमी, पानी की फिजूलखर्ची, नदी, जलाषयों का पानी औद्योगिक इकाईयों को देने व षहरों के प्रदूषित पानी को नदियों के प्रदूषण और भूजल को बेतहाषा दोहन से समस्या...
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