भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे दयाशंकर की ऑस्ट्रेलिया में मरने की खबर से एक ऐसे ईमानदार चरित्रबल वाले अधिकारी की याद ताजा हो उठी है, जिसने अपने कर्तव्यपरायणता से यह सिद्ध किया कि ईमानदार अफसर मुश्किल परिस्थितियों का भी कैसे डट कर मुकाबला करते हैं. दयाशंकर ने 80 के दशक में स्मगलिंग की दुनिया में बादशाहत कायम कर चुके अपराधियों को उस खौफ से रू-ब-रू करवाया, जो विरले ही देखने...
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रियो+20 के लिए राष्ट्रीय व वैश्विक प्राथमिकताएं
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संपूर्ण विश्व के राष्ट्राध्यक्ष, सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि और विकास के मुद्दों से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधी 20 से 22 जून 2012 को ब्राजील की राजधानी रियो दी जेनेरियो में एकत्रित होने जा रहे हैं। इस महासम्मेलन को रियो+20 का नाम दिया है क्योंकि 20 वर्ष पूर्व (1992) भी रियो में 172 सरकारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा पर्यावरण और विकास के...
More »कड़वे बादाम : दिल्ली के बादाम उद्योग में मज़दूरों का शोषण
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्बन्धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...
More »कर्ज और घाटे के बीच बजट पेश, विपक्ष ने कहा धोखा
चंडीगढ़. वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींढसा ने बुधवार को कर्ज और घाटे के बीच पंजाब का बजट पेश किया। बजट में बिजली सब्सिडी के लिए सरकार ने इस साल 4600 करोड़ रखे हैं। हालांकि सरकार को उम्मीद है कि यह 5100 करोड़ तक जाएगी। ढींढसा ने बताया कि सही फिगर तो बिजली रेगुलेटरी कमीशन की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस साल बिजली सब्सिडी 5785...
More »बुजुर्गों के लिए इज्जत की जिन्दगी -आईए, एक अभियान का हिस्सा बनें
बुजुर्गों की जीवन-संध्या पूरी गरिमा और बिना किसी अभाव के बीते- यह हर सभ्य समाज का नैतिक दायित्व है। बुजुर्गों के प्रति इसी दायित्व-भाव से पेंशन परिषद् दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर अगामी 7 मई से 11 मई(2012) तक एक अभियान के तहत धरने का आयोजन कर रहा है। धरने के आयोजन के पीछे मकसद एकदम सरल और सहज है, और इस मकसद को पूरा करने का वक्त अब आ चुका है। आगे की पंक्तियों को...
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