खाने के तेल लगातार महंगे हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनके भाव तेज हैं और त्योहारों के साथ-साथ शादियों का सीजन होने के नाते घरेलू बाजार में मांग बढ़ी है। जाहिर है, तेल-तिलहन के दाम बढ़ने के दोहरे कारण हैं। आगे भी कमोबेश ऐसे ही हालात रहने के आसार हैं। खाने के तेल और तिलहन के थोक बाजार में इस हफ्ते भी तेजी रही। मुख्य रूप से इसकी दो वजहें...
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गरीबी का फंदा तोड़ने के वास्ते-- प्रमोद जोशी
आर्थिक विकास, व्यक्तिगत उपभोग और गरीबी उन्मूलन के बीच क्या कोई सूत्र है? यह इक्कीसवीं सदी के अर्थशास्त्रियों के सामने महत्वपूर्ण सैद्धांतिक प्रश्न है. पिछले डेढ़-दो सौ साल में दुनिया की समृद्धि बढ़ी, पर असमानता कम नहीं हुई, बल्कि बढ़ी. ऐसा क्यों हुआ और रास्ता क्या है? इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार प्रिंसटन विश्वविद्यालय के माइक्रोइकोनॉमिस्ट प्रोफेसर एंगस डीटन को देने की घोषणा की गयी है. वे लंबे अरसे...
More »नगदी हस्तांतरण और बचत का गणित-- धर्मेंन्द्रपाल सिंह
घरेलू गैस पर मिलने वाली सब्सिडी का पैसा उपभोक्ता के खाते में सीधा हस्तांतरित (डीबीटी) करने संबंधी योजना की सफलता से उत्साहित सरकार ने अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली को भी इसकी जद में लाने का मन बना लिया है। केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से कहा है कि इस साल के अंत तक यह काम शुरू हो जाना चाहिए। रसोई गैस पर डीबीटी नवंबर 2014 से ही लागू है। सरकार 14.19...
More »अब प्याज रुलाएगी नहीं हसाएगी…
सरकार द्वारा आयात किये गये प्याज में से 250 टन की पहली खेप आ चुकी है जबकि 2,000 टन की पूरी की पूरी खेप इस सप्ताह के अंत तक पहुंच जायेगी। इससे प्याज की कीमतों में कमी आने की संभावना है। दलहन के मामले में 3,223 टन दलहनें मुंबई और चेन्नई बंदरगाह पर पहले ही पहुंच चुकी हैं और 20 अक्तूबर तक 5,000 टन दलहन की पूरी खेप भारत पहुंच...
More »मांस के कारोबार पर सवाल क्यों नहीं? - आलोक मेहता
हमारे एक पारिवारिक मित्र मूलत: गुजराती ब्राह्मण हैं। वे शुद्ध शाकाहारी हैं। जनेऊ पहनकर निष्ठा के साथ पूजा-पाठ करते हैं। भारत सरकार के निर्यात प्रोत्साहन संस्थान में वे वर्षों से एक महत्वपूर्ण पद पर काम करते रहे हैं। लेकिन मित्र-परिवार के साथ बैठकों में उनकी तरक्की, वेतन-भत्तों की बढ़ोतरी, निरंतर दुनियाभर के देशों की यात्राओं की मीठी बातों के साथ एक मुद्दे पर उन्हें चिढ़ाया जाता है - 'अरे, आपकी...
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