प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्वोत्तर दौरे से क्षेत्र के लोगों को ढेरों उम्मीदें थीं। अगर सिक्किम को भी जोड़ लें, तो वह अपने तूफानी दौरे में इस क्षेत्र के आठ राज्यों में से चार राज्यों में, असम, मणिपुर, नगालैंड और त्रिपुरा पहुंचे। भारत के इस बदहाल और पिछड़े क्षेत्र का बतौर प्रधानमंत्री यह उनका पहला दौरा था। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ यहां...
More »SEARCH RESULT
घट रहा है कुपोषण, रफ्तार में तेजी की जरुरत..
कुपोषण के मोर्चे से एक अच्छी खबर! भारत केंद्रित एक सर्वेक्षण के शुरुआती निष्कर्ष हैं कि पाँच साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण का स्तर साल 2005-06 से 2013-14 के बीच घटा है। सर्वेक्षण के निष्कर्ष ग्लोबल न्यूट्रीशन रिपोर्ट 2014 में संकलित किए गए हैं। (देखें नीचे दी गई लिंक और बिन्दुवार तथ्य) रैपिड सर्वे ऑन चिल्ड्रेन नाम का यह सर्वेक्षण नागरिक संगठनों, स्वास्थ्य और खाद्य-सुरक्षा विशेषज्ञों की निरंतर...
More »हमने क्या खोया और क्या पाया? - देविंदर शर्मा
चंद हफ्तों पहले की ही बात है। जैसे ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणाम सामने आए, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने महत्व की चेतना से भर गए थे। उन्हें लगता था कि नई सरकार में वे अहम भूमिका निभाएंगे और शायद उन्हें गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद भी मिल जाए। तभी राकांपा ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा कर दी और शिवसेना का गणित बिगड़ गया।...
More »नसबंदी कांड की कड़ियां- कनक तिवारी
जनसत्ता 17 नवंबर, 2014: बिलासपुर नसबंदी कांड राज्यतंत्र की क्रूरता का बेहद घिनौना उदाहरण है। केंद्र प्रवर्तित और राज्य पोषित नसबंदी कार्यक्रम को लागू करने में इतनी लोकविधर्मी विसंगतियां हैं। पर इन्हें सरकारी अहंकार समझना ही नहीं चाहता। जनसंख्या-वृद्धि पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय शासन ने बरसों से अंतरराष्ट्रीय स्थितियों, समझौतों और समझाइशों के तहत नीतियां बनाने का प्रयत्न किया है। शासन और भद्रलोक के उपचेतन में इस मुगालते...
More »स्कूली स्तर पर कृषि शिक्षा को बढ़ावा क्यों नहीं-उमेश्वर कुमार
कहने को भारत कृषि प्रधान देश है। पर बात जब कृषि शिक्षा की आती है, तो सूरत अलग नजर आती है। हायर सेकेंडरी स्तर पर कृषि के पाठ्यक्रम में होने के बावजूद इस पर न सरकार का ध्यान है, न ही पढ़ने-पढ़ाने वालों का। स्कूल के बाद पढ़ाई जारी न रखने वाले अधिकांश छात्र खेती-किसानी में लग जाते हैं। लेकिन इसके लिए न तो उन्हें औपचारिक ज्ञान होता है, न...
More »