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ज़हरीली शराब: 'बेवड़े नहीं परिवार के पालनहार थे'-- सुशांत एस मोहन

"बेवड़े थे, मर गए ! कहना आसान है लेकिन मालवाणी की गलियों में मरने वाले कुछ लोग बेवड़े नहीं थे बल्कि 6 लोगों के परिवार के पालनहार थे." ये गुस्से में कहती हैं इन्सावाड़ी की 30 वर्षीया सुवर्णा. इन्सावाड़ी, लक्ष्मी नगर, खोडरे ये उन छोटी छोटी कॉलोनियों के नाम हैं जिनमें मुंबई का मलवाणी इलाका बंटा हुआ है और जहां बीते एक हफ़्ते में 102 लोग ज़हरीली शराब के कारण अपनी जान...

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योग ग्लैमरस है, ग़रीब की मौत नहीं?- कुमार केतकर

मौत में कोई ग्लैमर नहीं होता. ख़ासकर ग़रीब झुग्गीवालों की मौत में. मुंबई में झुग्गीवाले भी रहते हैं और करोड़पति भी. आमतौर पर दोनों फ़िल्मों को छोड़कर कहीं और नहीं मिलते. लेकिन यहाँ ऐसे भी माफ़िया करोड़पति भी हैं जो मुंबई की बड़ी झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले अभागे ग़रीबों पर फलते-फूलते हैं. मुंबई की झुग्गियों में 50 लाख से ज़्यादा लोग रहते हैं. इनकी जीवन शैली सहारा मरुस्थल के देशों या सोमालिया...

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छत्‍तीसगढ़ के अबूझमाड़ में घरों में संचालित हो रहे स्कूल

मो.इमरान खान, नारायणपुर(ब्यूरो)। प्रदेश के सबसे संवेदनशील इलाके में शुमार नारायणपुर जिले की शिक्षा व्यवस्था आजादी के 67 वर्षों के बाद भी पटरी में नहीं आ पाई है। मंगलवार से शाला प्रवेशोत्सव सरकारी कोरम पूरा करते शुरू कर दिया गया है। बड़े-बड़े वादों एवं नारों के साथ स्कूलों के पट खोले जाते है लेकिन सत्र की समाप्ति तक इन पर अमल नहीं हो पा रहा है। स्कूली शिक्षा मंत्री केदार कश्यप...

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किसान को उसका वेतन आयोग कब- योगेन्द्र यादव

किसान हमें ऐसे याद आता है, जैसे कोई दूर का गरीब रिश्तेदार. हम जानते हैं वह कहीं है, लेकिन मुलाकात कभी खुशी-गमी के मौके पर ही होती है. अंकल जी की मौत का रस्मी अफसोस तो कर लेते हैं, लेकिन यह नहीं पूछते कि तुम्हारी जिंदगी कैसे चल रही है. सवाल नहीं पूछते, चूंकि हम उत्तर नहीं सुनना चाहते. शहरों में रहनेवाले भारत की किसान से मुलाकात किसी बुरी खबर...

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सीएमएस एन्वायर्नमेन्टल जर्नलिज्म अवार्ड के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित

प्रिन्ट, ब्राडकॉस्ट तथा ऑनलाइन मीडिया से जुड़े पत्रकार बंधुओं से सीएमएस वातावरण यंग एन्वायर्नमेन्टल जर्नलिज्म अवार्ड के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित हैं। प्रविष्टियों को भेजने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2015 है।   सीएमएस वातावरण यंग एन्वायर्नमेन्टल जर्नलिज्म अवार्ड का लक्ष्य देश के 21-35 आयु वर्ग के युवा पत्रकारों द्वारा पर्यावरण से संबंधित पत्रकारिता के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट योगदान को रेखांकित और पुरस्कृत करना है।     इस अवार्ड के माध्यम से प्रिन्ट,...

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