जीएम फसलें एक बार फिर चर्चा में है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी पूर्ववर्ती नीति से पलटी मारकर अब सार्वजनिक रूप से जीएम फसलों को समर्थन देना शुरू कर दिया है. बहस गरमा रही है. यह उसी लाइन पर जा रही है, जिस पर शरद पवार जोर दे रहे है. इसमें हैरत की बात नहीं है. मैं देर-सबेर इसकी उम्मीद कर रहा था. आखिरकार, विकिलीक्स पहले ही खुलासा कर चुका है...
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दस साल में 600 जलाशय खत्म
भोपाल. प्रदेश में देशी-विदेशी पक्षियों और अन्य जलचरों के रहवास (प्राकृतिक जलाशय) कम हो रहे हैं। पिछले एक दशक में इन जलाशयों की संख्या 1883 से घटकर 1256 रह गई है। देवास, धार और झाबुआ जिलों में स्थिति सबसे खराब है। घटते जलाशयों की वजह से प्रवासी पक्षियों ने भी प्रदेश की ओर रुख करना छोड़ दिया है। कोयंबटूर स्थित ‘सालिम अली सेंटर फॉर ऑरनिथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री’ (सेकान) द्वारा जारी किए...
More »अब गेहूं की तरह बोया जाएगा धान
बिजनौर [विनोद भारती]। सूखे की मार झेलने वाले वेस्ट यूपी के किसानों के लिए खुशखबरी। अब पानी की कमी से धान की फसल बर्बाद नहीं होगी। साथ ही रोपाई के लिए खेतों में पानी भी नहीं भरना पड़ेगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस नई विधि से पैदावार भी अपेक्षाकृत अधिक होगी। दरअसल, वैज्ञानिकों नेधान को गेहूं की तर्ज पर पंडलिंग विधि से उगाने में सफलता हासिल कर ली है।...
More »खेती में असली क्रांति -- देविंदर शर्मा
2010 तो इतिहास बनने जा रहा है. मैं सशंकित हूं कि क्या नया साल किसानों के लिए कोई उम्मीद जगाएगा? अनेक वर्षो से मैं नए साल से पहले प्रार्थना और उम्मीद करता हूं कि कम से कम यह साल तो किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाएगा, किंतु दुर्भाग्य से ऐसा कभी नहीं हुआ. साल दर साल किसानों की आर्थिक दशा बद से बदतर होती जा रही है. साथ ही कृषि भूमि...
More »22 वैज्ञानिक, 10 करोड़, रिजल्ट 0
रायपुर। छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (सीकॉस्ट) की केंद्रीय प्रयोगशाला तीन साल में एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर सकी। 10 करोड़ के उपकरण और 22 वैज्ञानिकों की मेहनत का कोई नतीजा अब तक सामने नहीं आया है। प्रयोगशाला की स्थापना वर्ष 2007 में की गई। परिषद में 22 वैज्ञानिकों की टीम काम कर रही है। प्रयोगशाला में 10 करोड़ से भी ज्यादा के शोध उपकरण हैं। इनमें 50 लाख कीमत...
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