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नवीनतम पीएलएफएस डेटा, विभिन्न प्रकार के श्रमिकों के बीच अल्प-रोजगार और स्वपोषित रोजगार में अवैतनिक सहायकों पर प्रकाश डालता है

आम तौर पर, अर्थशास्त्री एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में एक विशेष अवधि में बेरोजगारी और काम से संबंधित अनिश्चितता की सीमा का आकलन करने के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) और बेरोजगारी दर (यूआर) जैसे संकेतकों का उल्लेख करते हैं. हालांकि, अन्य संकेतक भी हैं, जो रोजगार की स्थिति, आजीविका सुरक्षा और श्रमिकों की बदत्तर स्थिति को बेहतर तरीके से समझने में मदद कर सकते...

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नवउदारवाद और राष्ट्रवाद के बीच में खेती-किसानी का भविष्य

-न्यूजक्लिक, सभी जानते हैं कि तीसरी दुनिया के देशों में मुक्ति का संघर्ष जिस साम्राज्यविरोधी राष्ट्रवाद से संचालित था, वह उस पूंजीवादी राष्ट्रवाद से बिल्कुल भिन्न प्रजाति की चीज थी, जिसका जन्म सत्रहवीं सदी में यूरोप में हुआ था। पश्चिम में इस तरह की प्रवृत्ति है, जिसमें प्रगतिशील भी शामिल हैं, जो राष्ट्रवाद को एकसार तथा प्रतिक्रियावादी श्रेणी की तरह देखती है। वे साम्राज्यविरोधी राष्ट्रवाद तक को यूरोपिय पूंजीवादी राष्ट्रवाद के...

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कृषि अध्यादेश आने के बाद नई मंडियों के निर्माण पर योगी सरकार ने क्यों लगाई रोक?

-न्यूजलॉन्ड्री, केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान बीते नौ महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान किसान नेताओं और सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हुई, लेकिन इसका में कोई हल नहीं निकला. दरअसल सरकार इन कानूनों को किसान हित में बता रही है, वहीं किसान नेता इसे काला कानून बताकर सरकार से वापस...

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कोरोना के लड़ के जनता की इम्यूनिटी बढ़ चुकी है, PM लाल किले से क्या बात करेंगे?

-जनपथ, देश की एक सौ पैंतीस करोड़ जनता को पचहत्तरवें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा लाल क़िले की प्राचीर से दिये जाने वाले भाषण को सुनने की तैयारी प्रारम्भ कर देना चाहिए। प्रधानमंत्री का पिछला सम्बोधन कोरोना की दूसरी लहर के बीच हुआ था। हमें ख़ासा अनुभव है कि उस वक्त हमारे हालात क्या थे और हम सब कितने बदहवास थे! मोदी जी का यह भाषण तीसरी लहर की...

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भारत में दलहन नीति की आवश्यकता

-डाउन टू अर्थ, हर भारतीय रसोई में दाल का तड़का भारतीय आहार की एक विशिष्ट पहचान है ,जो अनाज के पूरक के साथ एक उच्च स्तरीय प्रोटीन का आदर्श मिश्रण प्रस्तुत करती है। दालों में विभिन्न अमीनो एसिड की उपस्थिति वाले शरीर निर्माण गुणों के कारण इनका सेवन किया जाता है। इनमें औषधीय गुण भी होते हैं। दलहन के उत्पाद जैसे पत्ते, पॉड कोट और चोकर पशुओं को सूखे चारे के रूप...

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