देहरादून। प्रदेश के एपीएल उपभोक्ताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न भी उपलब्ध नहीं हो रहा है। केंद्र से गेहूं व चावल का पर्याप्त कोटा नहीं मिलने से पिछले दो वर्ष से उत्तराखंड खाद्यान्न संकट का सामना कर रहा है। खाद्य मंत्रालय ने इस मामले में लगातार केंद्र से पत्राचार किया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली निरंतर कमजोर हो रही है। सरकारी सस्ते गल्ले...
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महंगाई के जख्म पर सस्ते राशन का मरहम
निधिनाथ श्रीनिवास नई दिल्ली : सरकारी राशन दुकानों के सामने लगने वाली कतारें लंबी होने लगी हैं। निजी दुकानों पर खाद्य उत्पादों के दाम आम आदमी की ...
More »गुजरात: वनवासी कल्याण के लिए 15 हजार करोड़
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सदियों से वनों में निवास करने वाली जनजातियों को वनभूमि पर मालिकाना हक देने के केंद्र सरकार के कानून की तरफदारी करते हुए गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह वनवासियों के कल्याण पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। यही नहीं, राज्य सरकार ने वनों में निवास करने वाले जनजातीय लोगों को जनस्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, अधिकार, स्वच्छता और अनाज वितरण की सरकारी योजना [पीडीएस] का लाभ...
More »कमजोर एवं पात्र व्यक्ति तक पहुंचे खाद्य सामग्री
जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : खाद्य मंत्री बाबूलाल नागर ने कहा है कि विभाग की योजनाओं से गरीबों को लाभान्वित करने में संवेदनशीलता से भूमिका निभाते हुए समाज के कमजोर एवं पात्र व्यक्ति एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सामग्री की पहुंच सुनिश्चित की जाए। नागर शनिवार को यहां इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में राजस्थान खाद्य, नागरिक आपूर्ति सेवा समिति के प्रांतीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सामग्री...
More »दिल्ली में कैश फॉर फूड योजना का विरोध
दिल्ली सरकार ने बीपीएल परिवारों के कैश फॉर फूड योजना का प्रस्ताव किया है। इसके विरोध में देश के कई नागरिक और मजदूर संगठन अगले सप्ताह देश की राजधानी में एकत्र हो रहे हैं।इन संगठनों एकजुट होकर गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की पहचान के लिए ज्यादा बेहतर मानक तैयार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे। देश की राजधानी में अगले सप्ताह एकत्र हो रहे संगठनों को...
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