SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1196

35% परिवारों को ही घर में पेयजल उपलब्ध, जनगणना से निकली 10 साल की तस्वीर

जयपुर. राजस्थान के महज 35 फीसदी परिवारों को ही परिसर में पेयजल उपलब्ध हो रहा है। शहरी क्षेत्र के 78.2% परिवारों को यह सुविधा है, जबकि गांवों में यह महज 21% है। ग्रामीण इलाकों में 58.3% परिवारों के पास ही बिजली है। मूलभूत सुविधाओं से जूझते हुए भी प्रदेश में आधुनिक सुविधाएं हासिल करने के लिए मशक्कत जारी है। कंप्यूटर अब आदिवासी इलाकों में भी पहुंच रहा है। प्रदेश के...

More »

पंजाब में सूखे जैसे हालात, सुखबीर ने मांगे 800 करोड़

चंडीगढ़. सूखे जैसे हालात से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने केंद्र से 800 करोड़ रुपए की अंतरिम राहत और केंद्रीय पूल से 1000 मेगावाट बिजली की मांग की है। यह राहत धान के सीजन में किसानों द्वारा डीजल पर हो रहे अतिरिक्त खर्च और बिजली पर सरकारी सब्सिडी के अधिक खर्च के बदले मांगी गई है। रविवार को उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री और केंद्रीय बिजली...

More »

बात आदर्श विधायिका की- ।।हरिवंश।।

टाइम ’ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर छपे लेख ‘द अंडरएचीवर ’ पर पूरी भारतीय राजनीति में तीखी बहस हुई. पर इसी लेख में एक अत्यंत महत्वपूर्ण टिप्पणी हैं. भारतीय संसद पर. दरअसल, भारतीय राजनीति में संवेदना, चरित्र और सिद्धांत शीर्ष होते, तो बवाल या बवंडर इस अंश पर होना चाहिए था. यह टिप्पणी सब पर है, पक्ष-विपक्ष समेत पूरी राजनीति पर. संसद कितना कामकाज करती है? गुजरे सत्र में सिर्फ...

More »

राजग की सरकार बनी तो किसानों को बिना ब्याज कृषि कर्ज: गडकरी

भोपाल, 16 जुलाई (एजेंसी)। भाजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने वादा किया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में राजग की सरकार बनी, तो किसानों को बिना ब्याज कृषि कर्ज दिया जाएगा। गडकरी ने रविवार को यहां जंबूरी मैदान पर मध्यप्रदेश भाजपा की आयोजित ‘अटल किसान महापंचायत’ को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सहित भाजपा शासित राज्य जब किसानों को बिना ब्याज के कृषि  कर्ज उपलब्ध करा सकते हैं, तो...

More »

गंगा के गुनहगार- स्वामी आनंदस्वरुप

जनसत्ता 12 जुलाई, 2012: गंगा का नाम लेने मात्र से पवित्रता का बोध होता है। यह देश की एकता और अखंडता का माध्यम और भारत की जीवन रेखा के अतिरिक्त और बहुत कुछ है। गंगा जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी दोनों है। आज भी लगभग तीस करोड़ लोगों की जीविका का माध्यम है। मगर पिछली डेढ़ सदी से गंगा पर हमले पर हमले किए जा रहे हैं और हमें जरा भी अपराध-बोध नहीं...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close