संगठित क्षेत्र में रोजगार में कमी के रुझान साल 2017-18 के पहली तिमाही में भी जारी रहे. रोजगार के रुझानों से संबंधित हाल की नई रिपोर्ट से इस बात के संकेत मिलते हैं.तिमाही रिपोर्ट छठे दौर की गणना पर आधारित है और इसे लेबर ब्यूरो ने जारी किया है. रिपोर्ट में 1 जुलाई 2017 तक की स्थितियों का आकलन है. ब्यूरो की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017-18 की...
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केपटाउन कहीं भी दस्तक दे सकता है -- अनिल प्रकाश जोशी
दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन की जल त्रासदी चौंकाने से ज्यादा डराने वाली है। यह दुनिया के बेहतरीन शहरों में से एक माना जाता है और हमेशा अपनी खूबसूरती के लिए चर्चा में रहा है। लेकिन आज केपटाउन दूसरी वजह से सुर्खियों में है। यहां पानी का संकट अपने चरम पर पहुंच चुका है। पिछले एक दशक से वैसे भी यह शहर पानी की किल्लत से गुजर ही रहा था और...
More »टीबी से निजात पाने की चुनौती-- अरविन्द कुमार सिंह
यह बेहद चिंताजनक तथ्य है कि दुनिया भर में टीबी (तपेदिक) की राजधानी कहे जाने वाले भारत में इस वर्ष पंद्रह लाख से ज्यादा नए तपेदिकमरीजों की पहचान हुई है। यह खुलासा खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट से हुआ है, जिसमें कहा गया है कि 2017 में 1 जनवरी से लेकर 5 दिसंबर के बीच 15,18,008 मरीज मिले हैं। इनमें से 12,05,488 मरीजों की पहचान सरकारी अस्पतालों से हुई...
More »आम आदमी के पैसे लुटाते बैंक-- आशुतोष चतुर्वेदी
देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक- पंजाब नेशनल बैंक में 11 हजार 500 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. जो नये तथ्य सामने आ रहे हैं, उनके अनुसार यह घोटाला और बड़ा हो सकता है. इसके पहले कई और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बड़े कॉरपोरेट घरानों को करोड़ों का कर्ज देकर हाथ जला चुके हैं. यह मामला तो बेहद गंभीर है. यह घपला पिछले सात साल से...
More »शिक्षा सुधार की बुनियाद--- जगमोहन सिंह राजपूत
पिछले दो साल से देश की नई शिक्षा नीति बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके पहले शिक्षा नीति 1968, 1986 और 1992 में पुनर्निर्धारित हुई थी। बड़े परिवर्तन आवश्यक थे, और हुए भी, मगर जो अपेक्षाएं नीतिगत स्तर पर की गर्इं, वे कभी पूरी नहीं हो सकीं। धीरे-धीरे शिक्षा केवल परीक्षा-आधारित कष्टप्रद बोझ बन गई। बोर्ड परीक्षा के अंक-प्रतिशत ही एकमात्र लक्ष्य बन कर रह गए। कक्षाओं तथा स्कूलों...
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