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भारत में बढ़ी भुखमरी, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 103वें पायदान पर

नई दिल्ली, प्रेट्र। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत को 119 देशों में से 103वें पायदान पर रखा गया है। जर्मन संस्था वेल्टहंगरहिल्फ एंड कंसर्न व‌र्ल्डवाइड की ओर से जारी रिपोर्ट में भारत को उन 45 देशों की सूची में रखा गया है, जहां भुखमरी की स्थिति गंभीर है। 2017 की रिपोर्ट में भारत को 100वें पायदान पर रखा गया था। हालांकि ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल...

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रुपये में गिरावट को सही मानता है विश्व बैंक

वाशिंगटन : विश्व बैंक का मानना है कि रुपये में सुव्यवस्थित तरीके से किये जाने वाले अवमूल्यन से प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी और पूंजी बाजार में दबाव कम हो सकेगा. विश्व बैंक के अर्थशास्त्री मार्टिन रामा ने कहा कि यदि इसे सही तरीके से किया जाये, तो यह एक ‘सकारात्मक घटनाक्रम' होगा. विश्व बैंक के दक्षिण एशिया क्षेत्र के मुख्य अर्थशास्त्री रामा का यह बयान ऐसे समय आया है, जब गुरुवार को...

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भारत को घेरता ड्रैगन-- विजय कुमार चौधरी

पिछले सात सितंबर को चीन ने अपने चार बंदरगाह और तीन लैंड-पोर्ट (भू-बंदरगाह) के उपयोग की अनुमति नेपाल को दी. बदले में नेपाल ने बिम्सटेक देशों द्वारा 10 सितंबर को पुणे में होनेवाले संयुक्त सैन्य अभ्यास से अपने को अलग कर लिया. बिम्सटेक भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाइलैंड एवं श्रीलंका का एक संगठन है, जो आर्थिक एवं तकनीकी क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ावा देता है. इन देशों के...

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डॉलर महंगा होने से जापान से कर्ज लेने की होड़

दिनोंदिन डॉलर के महंगा होने से भारतीय कंपनियों में समुराई लोन यानी जापान से कर्ज लेने की होड़ बढ़ गई है। जापान में बेहद कम ब्याज दरों के कारण और फंड की उपलब्धता से भारतीय कंपनियां उनसे कर्ज लेने की ओर आकर्षित हो रही हैं। जापान में वित्तीय फंड वाली बड़ी कंपनियों को पहलवानों की तरह समुराई कहा जाता है और इनसे लिए कर्ज को भी समुराई लोन बोलते हैं।...

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क्रांति जिससे आजादी की राह निकली-- मृदुला मुखर्जी

‘भारत छोड़ो' (क्विट इंडिया) के नारे के साथ 1942 में ‘अगस्त क्रांति' की शुरुआत हुई थी। इस आंदोलन में हर तबके के लोगों ने हिस्सा लिया। किसानों, महिलाओं, छात्रों, नौजवानों के साथ-साथ विभिन्न विचारधारा के लोगों ने इसमें शिरकत की और अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। वह दूसरे विश्व युद्ध का समय था और लोगों के लिए कठिन माहौल था। ब्रिटिश सरकार ने तमाम तरह के सख्त कानून थोप दिए थे...

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