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गरीबी नहीं गैरबराबरी है चुनौती-- मृणाल पांडे

एक जमाना था, जब कक्षा से चुनावी भाषणों तक में ‘अहा ग्राम्य जीवन भी क्या है?' जैसे जुमले सुनने को मिलते थे. भला हो राग दरबारी के लेखक श्रीलाल शुक्ल का, जिन्होंने इस उपन्यास के मार्फत आजादी के बाद हमारे बदहाल गांवों की असलियत दिखाकर इस पाखंड पर ऐसी चोट की कि पढ़ने-लिखनेवाले लोग इस भावुक और निरर्थक मुहावरे से बचने लगे. फिर ‘90 के दशक में आर्थिक उदारीकरण...

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नोटबंदी के तुरंत बाद दिहाड़ी मजदूरों ने सबसे ज्यादा गंवाये रोजगार के अवसर-- नई रिपोर्ट

नोटबंदी के तुरंत बाद के तीन महीनों में दिहाड़ी मजदूरों के रोजगार के अवसरों में सबसे ज्यादा कमी आई. इस तथ्य का खुलासा लेबर ब्यूरो की हाल की तिमाही रिपोर्ट से होता है. रिपोर्ट में चुनिन्दा क्षेत्रों में रोजगार के हालात का आकलन है. हालांकि अर्थव्यवस्था के आठ मुख्य क्षेत्रों में 1 जनवरी 2017 से 1 अप्रैल के बीच रोजगार के अवसरों में 1.85 लाख का इजाफा हुआ. रिपोर्ट के...

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सत्य, उत्तर-सत्य और पुन: सत्य--- पी. चिदंबरम

विलंब से शुरू हुआ संसद का सत्र जैसे ही समापन के करीब पहुंचा, वित्तमंत्री ने खुद को एक अजीब स्थिति में पाया। राज्यसभा ने 4 जनवरी, 2018 को अर्थव्यवस्था की हालत पर अल्पावधि चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया था और अपेक्षा थी कि वित्तमंत्री चर्चा का जवाब देंगे। बजट से सत्ताईस दिन पहले यह विचित्र था कि वित्तमंत्री अर्थव्यवस्था की स्थिति पर विस्तार से बोलें या कोई आश्वासन दें। अर्थव्यवस्था...

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नये साल की यही शुभकामना !-- योगेन्द्र यादव

अगर चंपारण और रूस की क्रांति के लिए प्रसिद्ध 1917 देश और दुनिया में संभावनाएं खुलने का वर्ष था, तो 2017 देश और दुनिया के सिकुड़ने का साल माना जायेगा. यह साल संभावनाओं के सिकुड़ने का साल था और संवेदनाओं के सिमटने का साल था. बीते साल में भाजपा का विस्तार और लोकतंत्र का पराभव जारी रहा. भाजपा चुनाव भी जीती और राजनीति के खेल भी. उत्तर प्रदेश में...

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हमारे लोकतंत्र का शीत सत्र-- मोहन गुरुस्वामी

संसद का अत्यंत विलंबित शीत सत्र शुरू हो चुका है. इसमें मची चीख-पुकार के सिवाय, मेरी समझ से यह समाप्तप्राय है. ऐसे बहुत-से मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा होनी ही चाहिए थी, मगर वह नहीं होगी जैसे, राफेल, प्रस्तावित वित्तीय संकल्प और जमा बीमा (एफआरडीआई) बिल, जीएसटी का क्रियान्वयन, नोटबंदी की सामाजिक एवं आर्थिक कीमतें, ग्रामीण संकट, आदिवासी अशांति, नेपाल की घटनाएं, मालदीव के साथ चीन का मुक्त व्यापार करार....

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