महुआ मांजी देश में एक साहित्यकार के रूप में जानी-पहचानी जाती हैं. इन्होंने अपनी लेखनी से न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी शोहरत हासिल की है. गत वर्ष नवंबर महीने में इन्हें राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष का पदभार सौंपा गया. पदभार ग्रहण करते ही इनकी सक्रियता नजर आने लगी. महिला हित की रक्षा के लिए इन्होंने कई स्तर पर प्रयास शुरू कर दिया. साथ ही इसके लिए इन्होंने...
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बिना मांगे नहीं मिलेगा अधिकार : महुआ मांजी
महुआ मांजी देश में एक साहित्यकार के रूप में जानी-पहचानी जाती हैं. इन्होंने अपनी लेखनी से न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी शोहरत हासिल की है. गत वर्ष नवंबर महीने में इन्हें राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष का पदभार सौंपा गया. पदभार ग्रहण करते ही इनकी सक्रियता नजर आने लगी. महिला हित की रक्षा के लिए इन्होंने कई स्तर पर प्रयास शुरू कर दिया. साथ ही इसके लिए इन्होंने...
More »जल संकट का समाधान भागीदारी बिना नहीं - ज्ञानेन्द्र रावत
तकरीबन तीन दशक पहले तक जहां पानी सहज-सुलभ था, वहां भी अब वह दुर्लभ हो रहा है। इसे भविष्य की विकट चेतावनी के रूप में देखा जाना चाहिए। यह स्थिति उस वस्तु के अभाव की है, जो हमारे जीने की जरूरी शर्त है और जिसका कोई दूसरा विकल्प नहीं। एक सतही और मोटी बात तो यह है कि जब आजादी के बाद के छह दशकों में देश की आबादी तिगुनी हो गई...
More »संविधान लागू कीजिए गांव बन जायेंगे गणराज्य- राहुल सिंह
हमारा संविधान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के गांव को स्वावलंबी व उन्हें एक स्वायत्त शासन इकाई बनाने के सपने के अनुरूप है. हमारे गांव ऐसे हों, जो अपने फैसले खुद लें और अपनी जरूरत की अधिक से अधिक चीजों का उत्पादन खुद करें. संविधान में ग्राम पंचायत को एक स्वायत्त शासन इकाई के रूप में स्थापित करने के लिए विधानमंडल को सभी जरूरी उपाय करने का कहा गया है. भारत के...
More »अभिशाप बना खनन-उद्योग- पी जोसेफ
राज्य के बंटवारे के बाद कहा जा रहा था कि बिहार राज्य में राजस्व का कोई स्रोत नहीं बचा. सभी खनन क्षेत्र झारखंड में जाने के कारण बिहार आर्थिक बदहाली में पहुंच जायेगा, पर ऐसा नहीं हुआ. बिहार में मात्र बालू एवं पत्थर से खनन क्षेत्र में लगभग झारखंड राज्य के जितना ही राजस्व आ रहे हैं. दूसरी तरफ, झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जानेवाले इस उद्योग को उचित...
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