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2019 में प्राकृतिक आपदाओं की वजह से विस्थापित हुए 2.2 करोड़ लोग: रिपोर्ट

-डाउन टू अर्थ, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, पिछला दशक (2010-2019) इतिहास के सबसे गर्म दशक के रूप में दर्ज किया गया। रिपोर्ट के अनुसार 1980 के बाद से हर दशक अपने पिछले दशक से गर्म होता जा रहा है। डब्लूएमओ के अनुसार 2019 का तापमान पूर्व-औद्योगिक काल से 1.1 डिग्री सेल्सियस ऊपर जा चुका है। जिसके चलते भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में रिकॉर्ड...

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जलवायु परिवर्तन: ऑस्ट्रेलिया में दावानल और एशिया में टिड्डियों का हमला

पिछले दिनों आस्ट्रेलिया में भीषण दावानल में जमीन झुलस गई. लोग और वन्यजीव मर गए. मकान जल कर राख हो गए. इस दावानल की तीव्रता और फैलाव से बिल्कुल साफ है कि इसका संबंध जलवायु परिवर्तन से है. दुनिया के इस हिस्से में हालांकि जंगल में आग लगना आम घटना है, लेकिन इन दावानलों की वजह गर्मी का बढ़ना था, जिस कारण भूगर्भ सूख गया और यह क्षेत्र विस्फोटक स्थिति...

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आस्‍ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग में करीब 50 करोड़ जानवरों की मौत

आस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स के जंगलों में पिछले साल 30 दिसंबर को लगी आग बहुत ही खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है. पिछले साल सितंबर से लगी इस आग में सिर्फ दर्जनों लोगों की मौत नहीं हुई बल्कि लगभग 48 करोड़ जानवरों और पक्षियों ने भी दम तोड़ दिया है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस आग में मृतकों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है और लगभग पचास...

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किस तेजी से बदला मौसम का मिजाज, क्या हुआ अर्थव्यवस्था पर असर, पढ़ें इस न्यूज एलर्ट में..

बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं को लेकर हाल-फिलहाल सुर्खियां लगती रही हैं और आगे की पंक्तियों में आप पढ़ने जा रहे हैं कि बीते दो दशकों में तुलनात्मक रुप से मौसम का मिजाज किस भयावहता से बदला है. इस साल अप्रैल माह में जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक मौसम के मिजाज में आये तेज बदलाव के कारण जो सूखा-बाढ़ या आंधी-तूफान और बारिश सरीखी अप्रत्याशित घटनाएं पेश आयी हैं उनका...

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कहां ले जाएगी जल की अनदेखी -- रामचंद्र गुहा

बहुत साल हो गए, जब मेरा सामना पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारी की चौंकानी वाली परिभाषा से हुआ था, ‘हम एक सीमित क्षेत्र के भीतर से जो कुछ भी चाहते हैं, उसका उत्पादन करते हैं, तो हम उत्पादन के तरीकों की निगरानी की स्थिति में होते हैं; जबकि अगर हम पृथ्वी के किसी अन्य छोर से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, तो वहां उत्पादन की स्थितियों की गारंटी देना हमारे लिए...

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