पार्वती देवी की बात सुनकर कोई भी सन्न रह जाएगा। वह कहती है, “मनरेगा की वजह से मेरे पति की जान चली गई।” पार्वती देवी दत्ता मघादे की विधवा है। उम्र 45 साल है। गरीबी में डूबी है। इसके बावजूद आगे कहती है, “मैं जिंदगी में दोबारा मनरेगा मजदूरी नहीं करुंगी।” पार्वती देवी जो बता रही है, उससे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की हकीकत बेपर्दा होती है। हालांकि,...
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विषमता का विकास- सुषमा वर्मा
जनसत्ता 17 फरवरी, 2014 : विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में यह रहस्योद्घाटन किया कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले पंद्रह बरस में बढ़ कर बारह गुना हो गई है। क्रिस्टीना के अनुसार, इन मुट्ठी भर अमीरों के पास इतना पैसा है जिससे पूरे देश की गरीबी को एक नहीं, दो बार मिटाया जा सकता है। लेगार्ड के इस बयान से पुष्टि होती है...
More »धान का एमएसपी 2,400 रुपये घोषित करने की मांग
आगामी खरीफ सीजन में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया जाना चाहिए। भारतीय किसान यूनियन, पंजाब (भाकियू) के अध्यक्ष अजमेर सिंह लक्खोवाल ने संवाददाता सम्मेलन में केंद्र सरकार से मांग कि किसानों की आय सुनिश्चित करने के लिए किसान आयोग का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसलों को उचित मूल्य नहीं पा रहा है...
More »कभी स्वर्ग, आज वीरान!- हरिवंश
वेतन लाखों में हो गये. लेकिन वेतन बढ़ने से वास्तविक उत्पादन या आय पर क्या असर हुआ, इसे जांचने का कोई विश्वसनीय मेकेनिज्म नहीं है. अमेरिका के डेट्रायट शहर में यही हुआ. पेंशन का बोझ बढ़ता गया. रिटायर लोगों की पेंशन, नये नियुक्त लोगों की तनख्वाह से कई गुना अधिक. ऊपर से शहर की सरकार ने बाहर से कर्ज लेना जारी रखा. कर्ज अगर भोग-विलास के लिए लिया जाये, तो दुर्दशा...
More »उत्तर प्रदेश: एक शहर का कहर- जयप्रकाश त्रिपाठी
कहीं कब्रिस्तान और श्मशान पर कब्जा तो कहीं तालाब पाटकर बनती बहुमंजिला इमारतें. कहीं फर्जी रजिस्ट्री तो कहीं बिना मुआवजा दिए ही जमीन का अधिग्रहण. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हाईटेक टाउनशिप की आड़ में हो रही इन कारगुजारियों से परेशान हजारों किसानों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट. रसूखदार और ताकतवर के लिए उत्तर प्रदेश में नियम-कानून कोई मायने नहीं रखते, यह हाल के...
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